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दिल्ली: जमीन मिलते ही लैंडफिल साइट्स पर विवाद

गोंडा गुर्जन इलाके में जो लैंडफिल साइट आवंटित की गई है, वह मुख्य सड़क से सटी हुई है. इतना ही नहीं, इसके आसपास घनी आबादी भी है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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बीते कई सालों से नई लैंडफिल साइट्स की मांग कर रहे नगर निगम को सोमवार को डीडीए की ओर से बड़ी राहत मिल गई. डीडीए ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम इलाके में दो लैंडफिल साइट देने की घोषणा तो कर दी, लेकिन जहां यह जमीन आवंटित की गई है, वहां पहले से ही घनी आबादी है.  जिस पर विवाद खड़ा होता दिखाई दे रहा है.

डीडीए ने में एमसीडी को सोनिया विहार में 88 एकड़ जमीन दी है, जबकि गोंडा गुर्जन में 44.7 एकड़ जमीन दी गई है. आजतक की टीम दोनों साइट्स पर जाकर हालात का जायजा लिया.

आबादी के पास लैंडफिल साइट

आजतक की टीम सबसे पहले गोंडा गुर्जन इलाके में पहुंची. यहां जो लैंडफिल साइट्स आवंटित की गई है, वह मुख्य सड़क से सटी हुई है. जबकि सड़क के दूसरी तरफ घनी आबादी है. यहां डीडीए के विशालकाय पार्क में से एक हिस्सा लगभग 45 एकड़ का एमसीडी को सौंपा गया है.

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समस्या यह है कि जहां एक तरफ बस्ती है, वहीं दूसरी तरफ वन विभाग की जमीन है, जबकि नियम यह है कि लैंडफिल साइट मुख्य सड़क और बस्ती से दूर होने चाहिए ताकि उसका प्रभाव किसी भी तरह से आबादी पर ना पडे.

सोनिया विहार का हाल

सोनिया विहार की लैंडफिल साइट घोषणा होते ही विवादों में घिर गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह यमुना बैंक के नजदीक है. नदी का किनारा और वहां हो रही खेती को यह साइट नुकसान पहुंचा सकती है. माना जा रहा है यहां कूड़ा गिराए जाने से यमुना को नुकसान पहुंचने की आशंका है.

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