दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) बेहद परेशान है कि वह 6 हजार फ्लैट्स का क्या करे. पहले आवासीय स्कीम के तहत 6 हजार लोगों को यह फ्लैट्स अलॉट किए गए, लेकिन इन आवंटियों ने इसे लेने से मना कर दिया. परेशान DDA ने अब इसे 'ठीकाने' लगाने के लिए अर्द्धसैनिक फोर्सेस को पत्र लिखा है.
DDA ने कई अर्द्धसैनिक बलों को पत्र लिखकर इसे अपने जवानों के लिए इस्तेमाल करने देने का अनुरोध किया है. ये 6 हजार फ्लैट्स पहले 2 आवासीय स्कीम के तहत आवंटित किए गए लोगों के कारण अभी तक खाली है. आवंटी लोगों ने बेसिक सुविधाओं की कमी और घर का आकार बेहद छोटा होने के कारण फ्लैट्स को स्वीकार नहीं किया.
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अधिकारी बताते हैं कि DDA की 2017 की महत्वाकांक्षी आवासीय योजना के तहत फ्लैट्स हासिल करने वाले 12 हजार में से करीब 6 हजार आवंटियों ने नवंबर में ड्रॉ निकलने के 45 दिनों के अंदर इसे वापस कर दिया. इसमें से कई फ्लैट तो DDA की ओर से 2014 की आवासीय योजना के तहत ड्रॉ से निकाले गए 8,500 यूनिट भी शामिल है जिसे आवंटियों ने वापस कर दिया. इनमें से लौटाए गए ज्यादातर फ्लैट्स वो हैं जो लोअर इनकम ग्रुप (LIG) के तहत बनाए गए. ये फ्लैट्स एक बेडरूम वाले हैं और इसे शहर से काफी दूर रोहिणी, नरेला और सिरसापुर में बनाया गया है.
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DDA के प्रिंसिपल कमिश्नर (आवासीय) जेपी अग्रवाल ने कहा, "हमने कई अर्द्धसैनिक बलों सीआईएसएफ, बीएसएफ, एसएसबी और सीआरपीएफ को इन फ्लैट्स में अपने स्टॉफ को समायोजित करने के लिए पत्र लिखा है. 2017 में अब तक 6 हजार फ्लैट्स वापस किए जा चुके हैं."
DDA ने काफी कोशिश की कि ये फ्लैट्स आम लोगों को दे दिए जाएं, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी, फिर प्राधिकरण को एहसास हुआ कि कोई इसे लेने को राजी नहीं है तो इसे अर्द्धसैनिक बलों के स्टॉफ को रहने के लिए दे दिया जाए.
एचटी में छपी खबर के अनुसार, सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि हमें रोहिणी में 750 फ्लैट्स तलाशा है. यह क्षेत्र हमारे उन सीआईएसएफ के जवानों के लिए सही रहेगा जिनकी मेट्रो स्टेशन में पोस्टिंग है.
पिछले साल 30 नवंबर को निकाले गए ड्रॉ के लिए DDA ने 95 हजार फॉर्म बेचे, जबकि 46,080 आवेदन प्राधिकरण के पास भेजे गए, जिसमें 11,757 फ्लैट एलआईजी या एक कमरे का फ्लैट है. 372 जनता फ्लैट, 403 एमआईजी और 85 एचआईजी फ्लैट्स शामिल थे.
दिल्ली के नरेला में करीब 1,500 फ्लैट्स सीआईएसएफ क्वार्ट्स में बदल दिए गए जब आम लोगों ने इसे लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई.