दिल्ली के पटपड़गंज इलाके के मयूर विहार फेज-2 में दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) की डिमोलिशन ड्राइव अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है. पटपड़गंज विधायक रविंदर सिंह नेगी ने इस ड्राइव को रोकने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अनुरोध किया किया था. उनका दावा है कि सीएम के हस्तक्षेप के बाद डीडीए ने अपनी डिमोलिशन ड्राइव रोक दी है.
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए गुरुवार सुबह 4:00 बजे डीडीए की टीम मयूर विहार फेज-2 पहुंची थी. काली मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर पर डीडीए का बुलडोजर चलना था. आरोप है कि ये तीनों मंदिर ग्रीन बेल्ट पर बने हैं. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में डीडीए की टीम जेसीबी से मंदिरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू करने वाली थी, तभी स्थानीय भाजपा विधायक रविंदर सिंह नेगी मौके पर पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया.
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पटपड़गंज विधानसभा के मयूर विहार फेस 2 में स्थित मंदिरों को तोड़ने के लिए हाई कोर्ट के आदेशानुसार DDA की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची। लेकिन हम रात 3 बजे से ही वहां मौजूद रहे और हर संभव प्रयास किया कि हमारी आस्था का प्रतीक यह मंदिर सुरक्षित रहे।
माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी,… pic.twitter.com/2gVqLqmYjC— Ravinder Singh Negi (@ravinegi4bjp) March 20, 2025
रविंदर सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पूरे मामले से अवगत कराया. बीजेपी विधायक का दावा है कि सीएम ने उनके अनुरोध का संज्ञान लेते हुए तत्काल हस्तक्षेप किया और डीडीए को तीनों मंदिरों के खिलाफ अपनी डिमोलिशन ड्राइव रोकनी पड़ी. उन्होंने इस संबंध में अपने X हैंडल से एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, 'पटपड़गंज विधानसभा के मयूर विहार फेज-2 में स्थित मंदिरों को तोड़ने के लिए हाई कोर्ट के आदेशानुसार DDA की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची. लेकिन हम रात 3 बजे से ही वहां मौजूद रहे और हर संभव प्रयास किया कि हमारी आस्था के प्रतीक ये मंदिर सुरक्षित रहें.'
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पटपड़गंज के बीजेपी विधायक ने आगे लिखा, 'मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, एलजी साहब एवं स्थानीय सांसद से बात कर तुरंत कार्रवाई को रुकवाया गया और पुलिस को वापस भेजा गया. मुख्यमंत्री के तुरंत आदेश के बाद मंदिरों को तोड़ने की प्रक्रिया रोक दी गई. ये मंदिर हमारी आस्था, संस्कृति और समाज की भावनाओं से जुड़े स्थान हैं. धर्म, आस्था और जनता की भावनाओं की रक्षा के लिए हम सदैव तत्पर रहेंगे.'