दिल्ली के गांधी नगर के एक मकान में मातम पसरा है. उस घर के मुखिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई. केशव चंद जिनकी उम्र करीब 50 साल थी, शनिवार की सुबह करीब 8 बजे उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया. जिसके बाद केशव चंद का बेटा अरविंद फौरन ही ऑटो करके अपने पिता को अस्पताल ले जाने के लिए निकला. इन लोगों ने इरविन अस्पताल जाने के लिए गीता कॉलोनी से राजघाट के लिए बने पुल का रास्ता लिया.
अस्पताल पहुंचने में देरी से बुजुर्ग की मौत
अरविंद का कहना है कि पुलिस ने रास्ते में बैरिकेट लगा रखा था, आगे का रास्ता बंद था. अरविंद ने कहा कि उसने पुलिस ने बड़ी मिन्नतें की लेकिन उसे जाने नहीं दिया गया. इसके बाद अरविंद आईटीओ के पुल की तरफ गया फिर वहां से भी लौटा दिया गया और आखिरकार वो सराय काले खां होते हुए डेढ़ घंटे बाद अस्पताल पहुंचा, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही केशव चंद की मौत हो गई.
स्वतंत्रता दिवस की वजह से कई रास्ते बंद
अरविंद का कहना है कि डॉक्टर ने कहा कि अगर वो थोड़ा पहले आ गए होते तो जान बच सकती थी. दरअसल 15 अगस्त से पहले 13 अगस्त को दिल्ली में फुल ड्रेस रिहर्सल थी. इसकी वजह से लाल किले के आस-पास के रास्ते बंद थे. इस बार आतंक का खतरा ज्यादा है इसलिए पुलिसकर्मियों को जरा-सी भी कोताही बरतने की इजाजत नहीं है.
परिवार में मातम
पुलिस ने 13 तारीख को सुबह पांच बजे से 9 बजे तक के लिए रास्ते बंद कर रखे थे. इस मामले पर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी कहा कि पुलिस ने पहले ही रूट डायवर्जन की जानकारी जारी कर दी थी. लेकिन किसी भी अस्पताल का रास्ता बंद नहीं था. कैलाश चंद गांधी नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे और एक गेस्ट हाउस में मैनेजर की नौकरी करते थे. कुछ साल पहले ही कैलाश चंद नौकरी छोड़ घर में ही रह रहे थे, उनके दो बेटे जो गांधी नगर में ही गारमेंट्स का व्यवसाय करते हैं.