डीयू में जल्द दाखिले की दौड़ शरू होने वाली है. देश की नं.1 यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन के नए प्रोग्राम को लेकर सभी के मन में कई सवाल है, तो वहीं इसे लेकर कई मतभेद भी है. बीजेपी नेता विजेंदर गुप्ता ने तो कहा कि डीयू ने विदेशों की नकल की है पर फैसला जल्दबाजी में लिया.
कहीं 4 साल के डिग्री प्रोग्राम की वैधता पर भी सवाल उठे रहे है तो कहीं ग्रेजुएशन सिस्टम को अमेरिका औऱ यूरोपियन देशों की तर्ज पर बनाए जाने की बाते की जा रही हैं. इस समय डीयू एक ऐसा मैदान बन गया है जहां इस नए प्रोग्राम को लेकर डिबेट शुरू हो गई है.
डीयू के चार साल के कोर्स को लेकर हिन्दी विभाग के प्रोफेसर, डॉ. अपूर्व आनंद कहते हैं कि यह सब बिना शिक्षकों की जानकारी के हो रहा है. डीयू के टीचर्स की शिकायत है कि 4 साल के डिग्री प्रोग्राम को लागू करने के फैसले से पहले ना तो टीचर्स और ना ही छात्रों से फीडबैक लिया गया. काउंसिल और डीयू वीसी ने अपनी इमरजेंसी पॉवर का इस्तेमाल करते हुए इस प्रोग्राम को लागू किया है.
इस मसले पर डीयू से पढ़ चुके बीजेपी नेता विजेंदर गुप्ता ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने इसे विदेश की नकल करार दिया है. उन्होंने कहा कि इसपर बहस होकर फैसला लेना चाहिए था, नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है.