26 जनवरी को लाल किले पर ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार दीप सिद्धू को तीस हजारी कोर्ट ने एक दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू को तिहाड़ जेल के ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया था और चार दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी.
ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने दीप सिद्धू को पुलिस हिरासत में देने से मना कर दिया और कहा कि दीप सिद्धू को संबंधित अदालत में 19 अप्रैल को पेश किया जाए, वहीं से पुलिस हिरासत की मांग की जाए. दिल्ली पुलिस ने दंगा मामले में जमानत मिलते ही उसे ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान पहुंचाने के मामले में 17 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था. ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान पहुंचाने की शिकायत एएसआई ने पुलिस से की थी.
ये है मामला
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों ने तीन कृषि कानून के विरोध में ट्रैक्टर परेड निकाली. इस दौरान दिल्ली में हिंसा हो गई. प्रदर्शनकरियों पर आरोप है कि उन्होंने लाल किला पर भारतीय तिरंगा हटाकर धार्मिक ध्वज लहराने का काम किया. इस मामले में दीप सिद्धू पर आरोप ये है कि उसने भीड़ को भड़काया था. इस मामले में कोर्ट ने दीप सिद्धू को तीस-तीस हजार रुपये के बांड वाले दो जमानतियों के आधार पर जमानत दी थी.
रखी गईं थीं कुछ शर्तें
कोर्ट ने दीप सिद्धू को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी रखी थीं. दीप सिध्दू से अदालत ने कहा था कि वो अपना पासपोर्ट इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर के पास जमा कराएंगे. दीप सिद्धू से कहा गया था कि वो जो फोन नंबर यूज करेंगे उसे इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर को दर्ज कराएंगे. हर महीने की पहली और 15 तारीख को अपनी लोकेशन बतानी होगी. दीप सिद्धू के लिए ये भी शर्त रखी गई थी कि वे 24 घंटे अपने फोन की लोकेशन ऑन रखेंगे और कभी भी अपना फोन स्विच ऑफ नहीं करेंगे.