दिल्ली में नियमों के विपरीत जाकर रिहायशी परिसरों की सीलिंग को सुप्रीम कोर्ट ने गलत बताया तो बीजेपी ने इस फैसले का स्वागत किया है. बीजेपी ने कहा कि नियम विपरीत तरीके से सील हुईं दस हजार संपत्तियों को डी-सील किया जाएगा. प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को तीनों नगर निगमों के मेयर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेस कर यह ऐलान किया.
आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि दिल्ली बीजेपी ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी समिति की ओर से की गई सीलिंग को अनुचित ठहराए जाने के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी ने अपनी ताकत का दुरुपयोग करके दिल्लीवासियों की संपत्तियां जब्त की थीं, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डी-सील किया जाएगा.
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प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने लगातार संपत्तियों को जब्त करने के खिलाफ आवाज उठाई, आखिरकार कोर्ट से फैसला हुआ. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली बीजेपी लोगों के घरों की सीलिंग की समस्याओं के लिए लड़ रही थी, तब केजरीवाल सरकार नकारात्मक राजनीति कर रही थी. निगरानी समिति का अब कोई औचित्य नहीं है. हेल्प डेस्क बनाकर डी-सील से संबंधित प्रक्रिया पर तीनों नगर निगम काम शुरू करेंगे.
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मनोजी तिवारी क्या बोले
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के लोगों के हितों में दिल्ली बीजेपी ने विपक्ष में रहकर जो काम किया, वह आम आदमी पार्टी या कांग्रेस ने सत्ता में रहकर भी क्यों नहीं किया? दिल्ली बीजेपी यह मांग करती है कि जमा कराए गए एक लाख रुपये वापस किए जाएं और बिना किसी शुल्क के लोगों को न्याय मिले.
बता दें कि बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में दिल्ली की आवासीय इकाइयों को डी-सील करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अतिक्रमण चिंता का विषय है लेकिन निजी भूमि पर बने रिहायशी परिसरों के मामलों में कार्रवाई करने के लिये निगरानी समिति को अधिकृत नहीं किया गया था.