दिल्ली विधानसभा के लिए निर्वाचित 70 विधायकों में से 44 फीसदी यानी 31 नवनिर्वाचित विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 17 के खिलाफ गंभीर किस्म के अपराधों का आरोप है, एक के खिलाफ तो जानलेवा हमला करने और 2 के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध का इल्जाम है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और इलेक्शन वॉच ने हर चुनाव की तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीते उम्मीदवारों के नामांकन के समय दिए हलफनामे की स्टडी कर ये नतीजे निकाले हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 48 नवनिर्वाचित विधायकों में से 16 यानी 33 फीसदी और आम आदमी पार्टी के 22 में से 15 यानी 68 फीसदी नवनिर्वाचित विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, गंभीर किस्म के आरोपियों में बीजेपी के 7 और आम आदमी पार्टी के 10 विधायक हैं.
रिपोर्ट के अनुसार 70 विधायकों की कुल संपदा 1542 करोड़ रुपए है. इनमें 3 विधायक अरबपति हैं. 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाले 31 विधायक हैं. 5 से 10 करोड़ की प्रॉपर्टी वाले 9 विधायक हैं, एक से पांच करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी वाले 21 विधायक हैं. जबकि एक करोड़ से कम प्रॉपर्टी वाले 9 एमएलए हैं. इन विधायकों की औसत प्रॉपर्टी 22.4 करोड़ रुपए है. 5 साल पहले 2020 में ये औसत 14.29 करोड़ रुपए था. यानी 5 साल में इसमें 8 करोड़ रुपए का इजाफा हो गया है.
बीजेपी विधायकों की औसत प्रॉपर्टी 28.59 करोड़ और आम आदमी पार्टी के विधायकों की प्रॉपर्टी 7.74 करोड़ रुपए है. शकूर बस्ती से बीजेपी विधायक करनैल सिंह के पास 259 करोड़ की प्रॉपर्टी है, जो सबसे ज्यादा है. दूसरे नंबर पर 248 करोड़ की प्रॉपर्टी के साथ राजौरी गार्डन से बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा हैं. तीसरे नंबर पर नई दिल्ली से विधायक प्रवेश साहिब सिंह वर्मा हैं, जिनकी प्रॉपर्टी 115 करोड़ है. सबसे कम प्रॉपर्टी बुराड़ी से आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा के पास 14 लाख है, देवली से प्रेम चौहान के पास 16 लाख और त्रिलोकपुरी से रविकांत के पास 20 लाख की प्रॉपर्टी है.