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दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मरीज मिला, अबतक 5 को LNJP अस्पताल में कराया गया भर्ती

देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है. दिल्ली में अब मंकीपॉक्स के 5 मामले मिल चुके हैं, जिनमें से एक मरीज ठीक हो चुका है. मरीज की रिपोर्ट शुक्रवार को आई थी, उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है. दिल्ली में अब मंकीपॉक्स के 5 मामले मिल चुके हैं, जिनमें से एक मरीज ठीक हो चुका है. मरीज की रिपोर्ट शुक्रवार को आई थी, उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एलएनजेपी अस्पताल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि दिल्ली में अब तक मंकीपॉक्स के पांच मरीज मिल चुके हैं.

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बता दें कि देश में मंकीपॉक्स का पहला मरीज 14 जुलाई को केरल में सामने आया था. वह संयुक्त अरब अमीरात से लौटकर आया था. उसके बाद दूसरा मरीज 18 जुलाई को केरल में ही दूसरा मामला सामने आया. तीसरा मरीज भी केरल में ही मिला था, यह भी संयुक्त अरब अमीरात से लौटा था.

दिल्ली में 24 जुलाई को मिला पहला केस 

उसके बाद देश का चौथा और दिल्ली का पहला मरीज 24 जुलाई को मिला था, जिसमें मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई. उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. दिल्ली में दूसरा मरीज 1 अगस्त को मिला था, नाइजीरियाई व्यक्ति की भी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. दिल्ली में तीसरा मरीज 2 अगस्त को मिला, यह भी नाइजीरिया का ही रहने वाला था. इसकी भी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. दिल्ली में चौथा मरीज भी नाइजीरियाई महिला थी, जिसकी रिपोर्ट 3 अगस्त को आई थी. अब दिल्ली में 13 अगस्त को पांचवां केस सामने आया है. दिल्ली में मंकीपॉक्स के सभी मरीज एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं. 

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22 साल के युवक की मौत भी हो गई 

देश में मंकीपॉक्स से एक मौत भी हो चुकी है. 30 जुलाई को केरल के थ्रिसूर में रहने वाले 22 साल के युवक की मौत हो चुकी थी. उसकी मौत के बाद रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी. भारत में मंकीपॉक्स से होने वाली ये पहली मौत है. जिस युवक की मौत हुई है, वो संयुक्त अरब अमीरात से लौटर आया था. 

मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण क्या है? 

1. बुखार आना. 
2. स्किन पर चकत्ते पड़ना. ये चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक हो सकते हैं. 
3. सूजे हुए लिम्फ नोड. यानी शरीर में गांठ होना. 
4. सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट. 
5. गले में खराश और खांसी आना.

क्या सावधानियां बरतने की जरूरत? 

अगर आप संक्रमित हो जाएंः मंकीपॉक्स संक्रामक बीमारी है. इसलिए एक संक्रमित दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है. लिहाजा अगर आप संक्रमित हो गए हैं, तो खुद को आइसोलेट कर लें. मंकीपॉक्स से घबराने की बजाय इसका इलाज करवाएं. इसका कोई ठोस इलाज तो नहीं है, लेकिन इसका संक्रमण खुद ही 2 से 4 हफ्तों में ठीक हो जाता है. इसके अलावा, अगर मंकीपॉक्स का एक भी लक्षण दिख रहा है तो सार्वजनिक कार्यक्रमों या जगहों पर न जाएं. 

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