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दिल्ली: आम आदमी पार्टी के तीन विधायक मानहानि के केस में बरी

बता दें कि 2014 में तीन विधायकों के खिलाफ ये मामला लक्ष्मी नगर विधानसभा से पूर्व विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने ये कहकर दायर कराया था कि उन्हें जबरन रोक कर रखा गया था. कोर्ट ने इन आरोपों से बरी करते हुए एफआईआर को रद्द कर दिया है.

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दिल्ली के मुख्मंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्मंत्री अरविंद केजरीवाल

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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों को राहत देते हुए मानहानि के केस में बरी कर दिया है. ये विधायक हैँ कोंडली से विधायक मनोज कुमार, शालीमार बाग से विधायक और 'आप' की महिला विंग की अध्यक्ष वंदना कुमारी और त्रिलोकपुरी से विधायक राजू धिंगान.

विधायकों के वकील ने कोर्ट में तर्क रखा कि पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए इन तीनों पर मानहानि का आरोप लगाया, जबकि ऐसे मामले में शिकायत दर्ज की जाती है. पुलिस ने इस केस को गंभीर बनाने के लिए इसमें आईपीसी की धारा 341 (गलत ढंग से रोक कर रखना) को भी जोड़ा, जबकि पुलिस कोर्ट में इसके कोई सबूत पेश नहीं कर पाई.

बता दें कि 2014 में तीन विधायकों के खिलाफ ये मामला लक्ष्मी नगर विधानसभा से पूर्व विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने ये कहकर दायर कराया था कि उन्हें जबरन रोक कर रखा गया था. कोर्ट ने इन आरोपों से बरी करते हुए एफआईआर को रद्द कर दिया है.

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सितंबर 2014 में बिन्नी ने तीनों विधायकों द्वारा अपने घर पर प्रदर्शन करने और जबरन रोक के रखने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि यह प्रदर्शन 'आप' की ही विधायक अलका लांबा के खिलाफ अपने फेसबुक पेज पर उनके कथित रूप से आपत्तिजनक कमेंट के विरोध में था.

अलका लांबा ने 20 सितंबर 2014 को साइबर सेल को शिकायत भी दी थी, जिसने इस मामले में बिन्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी. इस मुद्दे पर सफाई देने के लिए पूर्व विधायक ने अपने घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई जिस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया. इसमें ज्यादातर महिलाएं थी, जिन्होंने बिन्नी के खिलाफ नारेबाजी की थी.

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