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वोटर लिस्ट को लेकर ट्विटर पर उलझे सीएम केजरीवाल और विजेंद्र गुप्ता

आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं बीजेपी भी खुलकर आम आदमी पार्टी पर पलटवार कर रही है.

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल(फोटो- PTI)
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल(फोटो- PTI)

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आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं बीजेपी भी खुलकर आम आदमी पार्टी पर पलटवार कर रही है. ऐसी ही एक तस्वीर ट्विटर पर देखने को मिली जब सीएम केजरीवाल और बीजेपी विधायक वोटर लिस्ट मुद्दे को लेकर आपस मे उलझ गए.

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर चुनाव आयोग से सवाल पूछते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली में 24 लाख नाम वोटर लिस्ट से काट लिए गए.

केजरीवाल के ट्वीट के जवाब देते हुए बीजेपी के रोहिणी विधानसभा से विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दावा कर दिया कि पिछले 10 सालों में 30 लाख नए वोट बन गए हैं.

बीजेपी विधायक के ट्वीट के जवाब देते हुए अरविंद केजरीवाल ने एक ओर ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि आपके चुनाव आयोग ने ही हमें 4 साल में काटे 24 लाख लोगों की लिस्ट दी है. इस बार बीजेपी का गंदा खेल पहले ही खुल गया. इस लिए आप इतना बौखलाए हुए हैं. मैं अभी आपको अगर कई ऐसे लोगों की लिस्ट दूं जिनके नाम फ़र्ज़ी काटे गए हैं, तो क्या आपका चुनाव आयोग इस्तीफ़ा देगा?

केजरीवाल के ट्वीट के जवाब देने में विजेन्द्र गुप्ता ने देरी नहीं की. उन्होंने मुख्यमंत्री के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि ऐसा करो अरविंद केजरीवाल जी दोनों साथ चलते हैं चुनाव आयोग और आंकड़े लेकर आते है दुध का दुध और पानी का पानी हो जाएगा. मेरा दावा है फिर आप जनता को गुमराह नहीं कर पायेंगे. वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने का आरोप अब बहस का मुद्दा बनते जा रहा है. एक तरफ वोटर लिस्ट से लाखों नाम काटे जाने का आरोप है, तो वहीं अरविंद केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले वो सभी नाम जुड़वा देंगे.  

इस बीच आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से पूछे 5 सवाल

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1-: क्या यह सच नहीं है कि हाल ही में तेलंगाना में हुए चुनावों में, 22 लाख लोगो को नाम गैर-कानूनी तरीके से मतदाता सूची से काटा गया?

2-: क्या ये सच नहीं है कि तेलंगाना में रहने वाली, विश्व प्रसिद्ध बेडमिंटन खिलाडी “ज्वाला गुट्टा” का नाम भी मतदाता सूची से काट दिया गया था?

3-: क्या चुनाव आयोग का ये कर्तव्य नहीं है कि देश में निष्पक्ष चुनाव हो, क्या चुनाव आयोग को किसी एक दल की पैरवी करनी चाहिए?

4-: क्या चुनाव आयोग में इतनी क्षमता है कि दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर सके, जिन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर ये गैर-कानूनी कृत्य किया?

5-: क्या यह सच नहीं है कि तेलंगाना के चुनाव अधिकारी ने इस गैर-कानूनी कृत्य को स्वीकार करते हुए जनता से माफ़ी मांगी थी?

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