दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बुरी तरह हार हुई, जिसके बाद पार्टी उहापोह की स्थिति से गुजर रही है. पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के बिखरने का खतरा पैदा हो गया है. पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली आए थे और पार्टी नेताओं सहित अरविंद केजरीवाल के साथ मीटिंग हुई.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार से सबक सीखते हुए आम आदमी पार्टी ने कुछ फैसले लिए हैं. AAP के सूत्रों ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया कि दिल्ली में हार के बाद कुछ लक्ष्य तय किए गए हैं.
'पंजाब मॉडल' पर फोकस
AAP ने तय किया है कि पंजाब को एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करना है. पार्टी पंजाब के किले को बरकरार रखने की कोशिश करेगी है और 'पंजाब मॉडल' बनाने के लिए शासन प्रदान करना पार्टी की सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी. दिल्ली में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने पर जोर दिया जाएगा. बीजेपी सरकार और उसकी नीति के बाद रणनीति तैयार करने की तैयारी है.
यह भी पढ़ें: सर्वे: अगला पीएम कौन? 54 फीसदी ने कहा 'नमो-नमो', जानें- केजरीवाल को कितने मिले वोट
संगठनात्मक विस्तार: आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय स्तर पर अपने संगठनात्मक विस्तार के लिए कमर कस रही है. पार्टी का फोकस गुजरात, गोवा, दिल्ली और पंजाब में संगठन को मजबूत करने पर होगा.
दिल्ली में संगठन का पुनर्गठन: दिल्ली AAP यूनिट में बड़े पैमाने पर पुनर्गठन होने जा रहा है. दिल्ली की लड़ाई में AAP के बड़े चेहरे हार गए हैं. इन नेताओं को जहां अहम जिम्मेदारियां दी जाएंगी, वहीं दिल्ली यूनिट में बड़े पैमाने पर संगठनात्मक पुनर्गठन होने जा रहा है.
जमीनी स्तर पर फीडबैक: AAP का शीर्ष नेतृत्व बूथ स्तर के एजेंट्स और कार्यकर्ताओं तक पहुंच बनाने का काम शुरू करेगा. उनके फीडबैक के आधार पर AAP की दिल्ली यूनिट में कई बदलाव किए जाएंगे और रणनीति बनाई जाएगी.