दिल्ली के मुख्य सचिव से मारपीट और बदसलूकी के मामले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के एमएलए अमानतुल्ला और प्रकाश जरवाल को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने दोनों की दो दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी, लेकिन जज ने उसे कैंसिल कर दिया.
सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि दोनों की दो दिन की पुलिस रिमांड जरूरत है. पुलिस को दोनों लोगों को आमने सामने बिठा कर पूछताछ करनी है. जांच में पूछताछ कर ये जानना है कि मुख्य सचिव से मारपीट और बदसलूकी करने के पीछे इनका क्या उद्देश्य था.
बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि रिमांड की जरूरत नहीं है. अगर कहा जाए तो मीटिंग में मौजूद सभी विधायक जांच में शामिल हो सकते है. पुलिस अभी तक कुछ भी रिकवर नही कर पाई है. बुधवार को वी के जैन को 3 घंटे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. अगर केस में कुछ दम होता तो उनको नहीं छोड़ा जाता. पुलिस इनकी रिमांड क्यों मांग रही है?
हालांकि बचाव पक्ष ने इस बात को स्वीकार किया कि आप नेताओं के खिलाफ पहले से लंबित मामले चल रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि नेताओं के खिलाफ चल रहे मामले राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं. कोर्ट इनकी जमानत पर गुरुवार को सुनवाई करेगा.
दूसरी अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि इस तरह के मामले में प्रकाश जरवाल के खिलाफ ये चौथा केस है, जबकि अमानतुल्लाह के खिलाफ चार से ज्यादा केस हैं.
कोर्ट ने कहा कि जरवाल और अमानतुल्ला ने चूंकि खुद सरेंडर किया है और बैठक में मौजूद सभी 11 नेताओं की ओर से जांच में सहयोग करने का वादा किया है, लिहाजा दिल्ली पुलिस की अर्जी खारिज कर दी.
मुख्य सचिव के व्यवहार पर भी गृह मंत्रालय की नजर
वहीं सूत्रों के मुताबिक मारपीट मामले में चल रही जांच में अब प्रशासनिक मुद्दे भी जोड़े गए हैं. जानकारी के मुताबिक जांच में मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के बीच कार्य संबंधी व्यवहार भी शामिल किया गया है.
मामले में इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या कोई मामला टेबल पर था, जिसके लिए आधी रात को मीटिंग बुलाई गई थी? अगर मामले में आपराधिक मामला दर्ज होता है, तो पुलिस इस मामले में आगे हस्तक्षेप करेगी.
गृह मंत्रालय ने इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल से मांगी है. दिल्ली पुलिस इस मामले में आपराधिक मामले की जांच कर रही है. साथ ही इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर भी जांच जारी है कि यदि मुख्य सचिव ने ही दुर्व्यवहार किया हो?
इस बीच आत्मा प्रकाश, साहिल अरोड़ा, इमरान हुसैन के निजी सचिव और आशीष खेतान की मेडिको लीग केस (एमएलसी) रिपोर्ट जारी हो गई है. भीड़ द्वारा दिल्ली सचिवालय में मुख्य सचिव पर हमले के बाद आप नेताओं की एमएलसी कराई गई है.
दिल्ली सरकार के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के बाद दिल्ली सरकार के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. वहीं, पुलिस के मुताबिक मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट में उनके चेहरे पर कट का निशान और कंधे पर चोट के निशान पाए गए हैं.
इस मामले में आरोपी और आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला ने जामिया नगर थाने में सरेंडर किया है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उन्होंने अमानतुल्ला खान को गिरफ्तार किया है. उन्हें उत्तरी दिल्ली ले जाया जा रहा है, क्योंकि इस मामले में केस वहीं दर्ज है. उनकी गिरफ्तारी वहीं की जाएगी. (मेडिकल रिपोर्ट की फोटो)
अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आधी रात को अपने घर पर बुलाई गई बैठक में आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा मारपीट का आरोप लगाया. जिसके बाद कुछ विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि देर रात प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
Alleged assault of Delhi Chief Secy: AAP MLA Amanatullah Khan reaches Jamia Nagar Police Station, says that he has come to surrender, also added that, 'I have not done anything wrong.' pic.twitter.com/enQIO7CKSM
— ANI (@ANI) February 21, 2018
दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन को हिरासत में लिया था. तीन घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है. वीके जैन ने ही मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को फोन कर बैठक में आने को कहा था. पुलिस ने सुबह 7 बजे महारानी बाग में उनके घर से हिरासत में लिया था. मुख्य सचिव ने जो शिकायत दर्ज करवाई है, उसमें भी वीके जैन का नाम शामिल था.
उपराज्यपाल अनिल बैजल बुधवार को ही इस मामले की रिपोर्ट गृहमंत्रालय को सौंप दी है. दूसरी तरफ IAS अधिकारियों ने दिल्ली सरकार में किसी भी मंत्री के साथ बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक इस मुद्दे पर गृह सचिव से मुलाकात कर इस मामले की जानकारी देंगे.
दिल्ली पुलिस ने जिन विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. उसमें अमानतुल्ला का भी नाम शामिल है. मंगलवार को हुए इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी, एक IAS की शिकायत पर आप विधायकों के खिलाफ और दूसरी मंत्री इमरान हुसैन की शिकायत पर सचिवालय में मारपीट करने वालों के खिलाफ.
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AAP ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई और पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, 'दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि हमने राजनीति में आकर कोई गलती की है. सीएम और डिप्टी सीएम के घर पर छापे पड़ रहे हैं. हमारे 15 विधायकों को गिरफ्तार किया गया.'
उन्होंने आगे कहा, 'बलात्कार के मामले पर दिल्ली पुलिस कुछ नहीं करती है और दूसरी ओर सोमनाथ भारती के कुत्ते से पूछताछ होती है. हमारी फाइलें रोक दी जाती हैं, स्कूल और अस्पतालों के लिए जमीन नहीं दी जाती है. हमारे मंत्री को गृह मंत्री राजनाथ सिंह मिलने का समय नहीं देते. हमने केवल यही कहा था कि झारखंड की तरह दिल्ली में कोई भी अनाज की कमी से न मरे. अगर दिल्ली में कोई भूख से मरा तो अंशु प्रकाश और उपराज्यपाल से सवाल नहीं पूछा जाएगा, सवाल केजरीवाल सरकार से पूछा जाएगा.'
उन्होंने सवाल उठाया, 'जो मुख्य सचिव कह देते हैं, क्या वह गीता का श्लोक बन जाता है? बिना किसी सबूत के उन्होंने जो भी कहा, क्या वह सही है? बातचीत राशन पर थी, जो बहस में बदल गई, यह मैं स्वीकार करता हूं. बहस गहमा-गहमी में बदल गई, मारपीट हो गई और चश्मा गिर गया. यह गलत है. रात में घटना हुई, पर उन्होंने सुबह तक कुछ नहीं किया. पुलिस नहीं बुलाई, मेडिकल नहीं कराया.
साजिश के तहत अगली सुबह भीड़ को सचिवालय में बुलाया गया. इतनी हिम्मत कि मंत्री और उनके सहयोगी पर हमला किया गया. क्या वे इस पर पर्दा डालना चाहते हैं? जिसके सबूत मौजूद हैं. क्या ये मामला गंभीर नहीं है कि मंत्रियों पर हमले हुए? क्या केंद्र सरकार दिल्ली में अराजकता फैलाना चाहती है?' '
देर रात हुई प्रकाश की गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने देर रात को विधायक प्रकाश जारवाल को अरेस्ट किया. प्रकाश की गिरफ्तारी उस वक़्त हुई जब वो एक शादी में शरीक होने जा रहे थे उसी दौरान खानपुर रेड लाइट पर उन्हें हिरासत में लिया गया. सूत्रों के मुताबिक जारवाल को पहले डिफेन्स कॉलोनी थाने लाया गया बाद में उन्हें सिविल लाइन थाने लाया गया है. जारवाल का नाम एफआईआर में नहीं था, लेकिन चीफ सेकेट्ररी को दिखाई की गई तस्वीर से उनकी पहचान की गई.
दिल्ली पुलिस ने दोनों मामलों की जांच के लिए अलग से टीम बनाई है, एक टीम IAS की शिकायतों पर जांच कर रही है तो दूसरी टीम आप विधायकों की शिकायत कर जांच कर रही है.
ये है पूरा मामला
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि सोमवार देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया गया था. इस दौरान आम आदमी पार्टी विधायकों ने सरकारी विज्ञापन रिलीज करने का दबाव बनाया और उनके साथ मारपीट की. इस घटना के बाद मुख्य सचिव ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस में शिकायत दी, जिसके बाद ओखला विधायक अमानतुल्ला समेत अन्य विधायकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
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दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले में आरोप दूसरे विधायकों की भी तलाश की जा रही है. बता दें कि इन विधायकों पर आपराधिक साजिश और सरकारी अधिकारी के काम बाधा डालने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
AAP नेता आशीष खेतान ने मंगलवार को सचिवालय में मारपीट का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के हुजूम ने मारो-मारो की नारेबाजी की. उन्होंने बताया, '150 लोगों का हुजूम था जो अपने आप में ही चौंकाने वाली बात है. मैं लिफ्ट का वेट कर रहा था तभी 30 से 35 लोग मारो-मारो के नारे लगाते हुए आए.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर इस घटना की निंदा की. राजनाथ सिंह ने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के साथ जो हुआ, वो बेहद दुखद है. उन्होंने ये भी लिखा कि नौकरशाहों को सम्मान और भयमुक्त तरीके से काम करने देना चाहिए.
मनीष सिसोदिया ने भी दी सफाईI am deeply pained by the happenings involving the Chief Secretary of the Delhi Government. The civil servants should be allowed to work with dignity and without fear.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 20, 2018
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्य सचिव के आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने सचिवालय में मारपीट की घटना की भी निंदी की. सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली सचिवालय में बीजेपी के गुंडों से प्रदर्शन कराया जा रहा है. कर्मचारियों को भड़काकर दिल्ली सरकार के काम को रोकने की कोशिश हुई है.