दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के सर्कुलर को लेकर बड़ा बयान दिया है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण लागू करने का सर्कुलर उपराज्यपाल ने जारी किया है. इस आरक्षण का दिल्ली के 99 फीसदी लोगों को कोई फायदा नहीं मिलेगा. यह मोदी सरकार की पैंतरेबाजी है. आपको बता दें कि 28 मई को दिल्ली के सर्विस डिपार्टमेंट ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का एक सर्कुलर जारी किया था.
सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'यह सर्कुलर भर्तियों से संबंधित है, इसलिए यह दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधीन नहीं है. सरकारी नौकरियों में भर्तियों का अधिकार उपराज्यपाल के पास है और उन्होंने सर्कुलर जारी किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन हो या अन्य सरकारी भर्तियां हों, यह गरीब सवर्णों के लिए नहीं है. यह पॉलिसी उन लोगों के लिए है, जिनकी सालाना आय 8 लाख से कम है.'
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता भारद्वाज ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत जनरल कैटेगरी में नौकरी लेने वाले या कॉलेज में एडमिशन लेने वाले को कोई फायदा नहीं मिलेगा. किसी सरकारी पद की भर्ती में भी 49 फीसदी आरक्षण (SC/ST/OBC) पहले से ही है. बाकी जनरल कैटेगरी है. अब इस सर्कुलर में कहा गया है कि 51 फीसदी जनरल कैटेगरी में सालाना 8 लाख से कम कमाने वालों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा, लेकिन सारी जनता उसी 51 फीसदी में लड़ रही है. इस 51 फीसदी जनता में से 99 फीसदी लोगों की सालाना आय 8 लाख से कम है.
आजतक से खास बातचीत में सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'मेरी आय और यहां खड़े पंडित जी की आय भी सालाना 8 लाख से कम है. यह मोदी सरकार की एक तरह की पैंतरेबाजी थी, जिसका आने वाले दिन में खुलासा हो जाएगा.' जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से आम आदमी पार्टी को क्या उम्मीद हैं, तो उन्होंने कहा, 'हम हमेशा से सकारात्मकता चाहते थे. ये बात समझनी होगी कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार का कोई काम नहीं रोक सकती है, लेकिन केंद्र सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से चुनी हुई सरकार के काम रोक सकती है.'
उन्होंने कहा, 'हम आज भी केंद्र सरकार के साथ सकारात्मक सहयोग के लिए तैयार हैं. आम आदमी पार्टी चाहती है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली वालों के काम के लिए के केंद्र सरकार सकारात्मक नज़रिया रखे.'