प्रदूषण की समस्या के मद्देनजर दिल्ली सरकार इस बार दीपावली से पहले 'एंटी क्रेकर अभियान' चलाने जा रही है.पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में केवल ‘ग्रीन’ पटाखों का उत्पादन, बिक्री और उपयोग करने की अनुमति रहेगी और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
गोपाल राय ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि दीपावली पर जलाए जाने वाले पटाखों से दिल्ली की हवा प्रदूषित हो जाती है और उसका लोगों की जिंदगी पर गंभीर असर पड़ता है.दिल्ली सरकार 3 नवंबर से एंटी क्रेकर अभियान शुरू करेगी, जो बाद में भी जारी रहेगा.इस अभियान को चलाने के लिए डीपीसीसी की 11 टीमें गठित की जा रही हैं और पुलिस का सहयोग भी लिया जाएगा।
गोपाल राय ने कहा कि मैं दिल्लीवासियों से अपील करता हूं कि वे कोविड-19 महामारी के कारण स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ‘नो पटाखा’ अभियान शुरू करें.दीपावली पर जलने वाले पटाखे और पराली जलने से होने वाला धुंआ दिल्ली के प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं.इसलिए ग्रीन पटाखा को सख्ती से लागू किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अब दीपावली नजदीक आ रही है. पराली जलने से धुआं होता है और दीपावली के समय पटाखे जलाने से दिल्ली की हवा जहरीली होती है.इसका बहुत ही गहरा असर दिल्ली के लोगों की जिंदगी पर पड़ता है.इसलिए दिल्ली सरकार ने आज यह निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट के 23 अक्टूबर 2018 के आदेशानुसार दिल्ली के अंदर केवल ग्रीन पटाखों का उत्पादन, बिक्री और उपयोग किया जा सकता है.
ग्रीन पटाखे में पायरोटेक्निक फायर वर्क के साथ ईंधन और आक्सीडाइजर को मिलाया जाता है, जिसमें सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्व बहुत कम मात्रा में होते हैं.ग्रीन पटाखों के उपयोग से जो प्रदूषण होता है, उसे काफी स्तर तक कम किया जा सकता है.इसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2018 को आदेश जारी किया था कि दिल्ली के अंदर ग्रीन पटाखों के अलावा जो भी पारम्परिक पटाखे बनाए, बेचे और उपयोग किए जाते हैं, उस पर रोक लगाई जाए.
Hon'ble Environment Minister Shri @AAPKaGopalRai addressing an important press conference | Live https://t.co/in0Qxm0JPZ
— AAP (@AamAadmiParty) October 28, 2020
गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली और देश भर में 93 उत्पादक एजेंसियां हैं, जो पायरोटेक्निक और ऑक्सिडाइजर को मिलाकर ग्रीन पटाखों का उत्पादन करती हैं.ग्रीन पटाखों को उत्पादकों से दुकानदार आयात कर सकते हैं और उसी को उपयोग में लाया जा सकता है.डीपीसीसी की वेबसाइट पर ग्रीन पटाखों के पंजीकृत उत्पादकों की सूची कल अपलोड कर देंगे.जिसका उपयोग दिल्ली के सभी पटाखा निर्माता और विक्रेता कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रीन पटाखों के उपयोग हो रहा है या नहीं, इसके लिए कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इसकी जांच करें और सुनिश्चित करें.दिल्ली पुलिस की लाइसेंस अथॉरिटी को कल डीपीसीसी की तरफ नोटिस जारी किया जाएगा कि वह इसको सुनिश्चित करें.इस पर निगरानी रखने के लिए 3 नवंबर से पटाखा-विरोधी अभियान शुरू करेंगे.
दिल्ली सरकार के मुताबिक पटाखा विरोधी अभियान दीपावली के बाद तक जारी रहेगा क्योंकि कई लोग दीपावली के बाद भी पटाखे जलाते हैं. गोपाल राय ने कहा कि पटाखा-विरोधी अभियान के तहत हम पुलिस का सहयोग लेने के साथ साथ डीपीसीसी की तरफ से 11 स्पेशल स्क्वाॅयड टीमों का गठन कर रहे हैं.एंटी क्रैकर स्पेशल स्क्वायड में डीपीसीसी के इंजीनियर्स के साथ वाहन में 5 पर्यावरण मार्शल होंगे.विशेष दस्ता, पटाखा निर्माता और विक्रेता के यहां जाकर अलग अलग जगह जांच करेंगे।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के सभी पटाखा निर्माताओ, विक्रेताओं और दिल्ली के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली आपकी है और दिल्ली के अंदर प्रदूषण से लोगों की जिंदगी को खतरा है, हमें अपने हिस्से के प्रदूषण को कम करना है.इसलिए सभी लोग दिशानिर्देशों का पालन करें.अगर किसी के भी स्टॉक में कोई पुराना स्टॉक पड़ा हुआ है, तो उसको खाली कर लें, क्योंकि अगर टीमें जाएंगी और अगर वहां पर ग्रीन क्रैकर के अलावा स्टॉक पाया जाता है तो उसके खिलाफ पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति एक्ट और एयर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.