दिल्ली के आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक सौरभ भारद्वाज ने मांग उठाई है कि अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर परिसर में भगवान हनुमान की मूर्ति लगाई जानी चाहिए. सौरभ भारद्वाज ने कहा, मुझे लगता है कि हनुमान जी की एक भव्य मूर्ति राम मंदिर परिसर में बनाई जानी चाहिए क्योंकि हनुमान जी भगवान राम के पसंदीदा थे. हनुमान जी निःस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं.
बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब सौरभ भारद्वाज ने भगवान हनुमान का मुद्दा उठाया है. विधानसभा चुनाव में भी हनुमान जी को लेकर काफी तगड़ी बहस चली थी. भारतीय जनता पार्टी और AAP ने अपने-अपने हिसाब से इस मुद्दे को लोगों के बीच रखा. यहां तक कि दिल्ली में चुनाव समाप्त होने और परिणाम घोषित होने के बाद भी सियासी गलियारों में भगवान हनुमान का जिक्र चल रहा है. AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने अभी हाल ही में कहा था कि भगवान राम ने आम आदमी पार्टी का समर्थन करने के लिए अपने परम भक्त (हनुमान) को काम पर लगाया हुआ है.
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Saurabh Bhardwaj, AAP MLA: I think a grand statue of Hanuman Ji should be built in the Ram Temple premises as Hanuman Ji was Lord Ram's favourite. Hanuman Ji is a symbol of selfless service. pic.twitter.com/8tnLAJIEKd
— ANI (@ANI) February 20, 2020
भारद्वाज ने कहा था कि बीजेपी नेताओं ने भी भगवान हनुमान का मजाक उड़ाया, जब वे AAP और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला कर रहे थे. AAP विधायक ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "उन्होंने भगवान का मजाक उड़ाया. यह हमारे लिए बहुत स्पष्ट था कि आप किसी के साथ भी खिलवाड़ कर सकते हैं लेकिन आप भगवान हनुमान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. उन्होंने ठीक वैसा ही किया जैसा रावण ने किया था, हनुमान का मजाक उड़ाना. मंगलवार को, जो हनुमान का दिन है, भगवान ने बीजेपी को जवाब दिया है." बता दें, जिस दिन चुनाव के नतीजे आए, वह मंगलवार का दिन था. नतीजे में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें जबकि बीजेपी को केवल 8 सीटें मिली थीं.
सौरभ भारद्वाज भगवान हनुमान के साथ अपनी बातचीत का भी हवाला दे चुके हैं. उन्होंने कहा, "भगवान राम मेरे सपने में आए और कहा कि उनके परम भक्त हनुमान हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के लोग मेरे सच्चे भक्त नहीं हैं. उन्होंने मुझसे कहा कि वह भी उनके खिलाफ हैं, जो हनुमान के खिलाफ हैं. राम ने हमारे लिए हनुमान को भेजा है और अब वह हमारे साथ स्थायी तौर पर हैं. राम ने हनुमान को यह ड्यूटी दी है कि वह दिल्ली में रहें."
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