उप राज्यपाल के आवास पर पिछले सात दिन से धरने पर बैठे मंत्री सत्येंद्र जैन की रविवार आधी रात को अचानक तबीयत बिगड़ गई. उन्हें फौरन एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अचानक तबियत बिगड़ने पर डॉक्टरों की एक टीम उन्हें एलएनजेपी अस्पताल लेकर गई. डॉक्टरों ने बताया कि मंत्री को कुछ दिनों तक अस्पताल में ही रखना पड़ेगा, उन्हें गलूकोज चढ़ाया जा रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खबर की पुष्टि की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,"सत्येंद्र जैन को खराब स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया है.Satyender Jain shifted to hospital due to his deteriorating health
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
डॉ. जेसी पासी के मुताबिक सत्येंद्र जैन फिलहाल ठीक हैं. सुबह से ही उनकी तबीयत खराब थी. उन्हें सिर दर्द और उल्टी हो रही थी. साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. हमने एक टेस्ट कराया था. उनका किटोन काफी कम हो गए था. उनकी हालत देख उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल उनका सिर दर्द कम है.
सूत्रों ने बताया कि रविवार सुबह उनके स्वास्थ्य की रिपोर्ट में रक्त शर्करा का स्तर प्रति डीएल 64 एमजी था जबकि मूत्र में कीटोन का स्तर काफी बढ़ा हुआ था. रक्त चाप का स्तर 96-68 था और उनका वजन 78.5 किलोग्राम मापा गया.
उधर आम आदमी पार्टी के नेता ने एलजी और पीएम मोदी पर निशाना साधने में देर नहीं की. संजय सिंह ने भी ट्वीट किया, "सतेन्द्र जैन जी की तबियत ख़राब होने की वजह से उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन केंद्र की सत्ता में बैठे मोदी जी और उपराज्यपाल को कोई संवेदना नहीं है."
सतेन्द्र जैन जी की तबियत ख़राब होने की वजह से उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है लेकिन केंद्र की सत्ता में बैठे मोदी जी और LG को कोई संवेदना नही
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 17, 2018
सत्येंद्र जैन ने 12 जून को भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, जबकि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय के साथ वह 11 जून से ही धरने पर बैठे थे. हाल ही में जैन भूख हड़ताल के दौरान वजन बढ़ने की ख़बरों को लेकर भी चर्चा में रहे हालांकि बाद में उन्होंने खुद अपनी हेल्थ रिपोर्ट सोशल मीडिया में साझा की थी.
गौरतलब है कि केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जैन इस मांग को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दे रहे हैं कि वह आईएएस अधिकारियों की 'हड़ताल' खत्म कराएं और घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को मंजूरी दें.