लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार और विपक्षी गठबंधन की जीत के बाद हर जगह अगले आम चुनाव को लेकर गठबंधन वाली राजनीति ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है और हर दल अपने-अपने स्तर पर राजनीतिक गठजोड़ पर काम शुरू कर दिया है.
देश में ठीक एक साल बाद होने वाले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विजयी रथ को रोकने के लिए एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी अब आपस में सहयोगी बन रहे हैं. यही हाल देश की राजधानी दिल्ली का भी है जहां बीजेपी को हराने के लिए सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच आपसी रजामंदी की बात कही जा रही है. हालांकि इसको लेकर दोनों पक्षों की ओर से विरोधाभासी बयान दिए जा रहे हैं, लेकिन कोई भी पक्ष खुलकर नहीं बोल रहा.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवालों से बचती नजर आ रही सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी का सामना मंगलवार को मीडिया से हुआ, लेकिन इस सवाल पर पार्टी बचती नजर आई. 'आप' प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया तो वो जवाब देने की बजाए कुछ देर के लिए चुप हो गए.
जब फैसला होगा तब बता देंगे
'आजतक' संवाददाता ने सौरभ भारद्वाज से पूछा कि क्या आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन लेगी? जिस तरह कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार बनाई थी, क्या अब लोकसभा में साथ-साथ चुनाव लड़ेंगे?सवाल सुनकर कुछ देर तक चुप्पी साधने के बाद सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है. जैसे ही पार्टी कोई फैसला लेती है मीडिया को जरूर बताया जाएगा.
हाल ही में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 7 में से 5 लोकसभा सीटों पर प्रभारी नियुक्त किया था, यह पूछे जाने पर कि बाकी 2 लोकसभा सीट क्या कांग्रेस के लिए छोड़ी गई है, जवाब में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सातों सीटों पर प्रभारी आम आदमी पार्टी ही नियुक्त करेगी और आने वाले दिनों में 2 अन्य सीटों पर भी नियुक्तियां हो जाएंगी.
पहले माकन ने किया था मना
दूसरी ओर, दो दिन पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में चुनाव के मद्देनजर चल रही बातचीत के सिलसिले में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने किसी भी तरह की बातचीत से साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि हमारी आम आदमी पार्टी से कोई बातचीत नहीं चल रही है.उन्होंने कहा था, 'मैं क्या दिल्ली कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता या नेता भी नहीं चाहता कि यह समझौता हो, कल आम आदमी पार्टी ने 5 सीट एक तरह से घोषित कर दी और 2 सीट छोड़कर हमें समझौते का ऑफर दिया है. चाहे 5-2, 5-3, 5-4 हो या कोई भी ऑफर हो, कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता नहीं चाहते कि आम आदमी पार्टी के साथ कोई भी समझौता हो.'