scorecardresearch
 

दिल्ली एसिड अटैक की शिकार लड़की को फेसियल बर्न, दोनों आंखें डैमेज, जानिए हेल्थ अपडेट 

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल समेत कई महिला संगठनों ने प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में एसिड की उपलब्धता पर सवाल उठाया. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि आरोपी इतना साहस कैसे जुटा सकते हैं. 

Advertisement
X
सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

दिल्ली के द्वारका में बुधवार की सुबह 17 साल की लड़की के ऊपर एक लड़के ने एसिड फेंक दिया था. पीड़िता फिलहाल दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. डॉक्टर्स के मुताबिक, मंगलवार की सुबह जब उसे अस्पताल लाया गया तो आठ प्रतिशत बर्न इंजरी थी. पीड़िता को ज्यादातर जले के निशान चेहरे पर और गले पर हैं. परिवार के लोगों ने बताया था कि आंखों में भी जलन थी जिसके बाद आंख के डॉक्टर ने आंखों की जांच भी की थी. 

Advertisement

डॉक्टर्स का कहना है कि घाव कितने गहरे हैं और उसका कितना नुकसान हो सकता है यह बताने में अभी वक्त लगेगा. पीड़िता पर डॉक्टर्स की टीम लगातार नजर बनाकर रखे हुए है और घाव कितने गहरे हैं यह जानने में 48 से 72 घंटे का वक्त लगेगा. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने एसिड को ऑनलाइन वेबसाइट से ऑर्डर करके मंगाया था. पुलिस फिलहाल एक्सपर्ट के जरिए जानने की कोशिश कर रही है कि जिस एसिड का इस्तेमाल किया गया है वह कितना कंसंट्रेटेड था. इसके लिए पुलिस को फिलहाल रिपोर्ट का इंतजार है. पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों सचिन अरोड़ा, हर्षित अग्रवाल और वीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. 

सचिन अरोड़ा की उम्र 20 साल है और ये वॉल पेपर लगाता है, जबकि 19 साल का हर्षित एक प्राइवेट कंपनी में पैकिंग का काम करता है और 22 साल का वीरेंद्र जेनरेटर मैकेनिक का काम करता है. पुलिस के मुताबिक, एसिड अटैक से पहले सचिन ने हर्षित और वीरेंद्र के साथ पूरी प्लानिंग कर ली थी. सचिन बाइक पर पीछे बैठा था और उसी ने ही एसिड पीड़िता पर फेंका था, बाइक हर्षित चला रहा था, जबकि वीरेंद्र आरोपियों के मोबाइल लेकर दूसरी जगह छिपा था ताकि जांच में मोबाइल लोकेशन दूसरी जगह का दिखे.  

Advertisement

परिजनों ने दी घटना की जानकारी

पीड़िता के पिता ने बताया कि उस वक्त उसकी बहन उसके साथ थी. उन्होंने कहा, "मेरी बेटी सुबह 7.30 बजे घर से निकली और जैसे ही वह सड़क पार कर रही थी, उस पर हमला किया गया. उसके घर से निकलने के छह से सात मिनट के भीतर ही यह घटना हो गई. मेरी सबसे छोटी बेटी उसके साथ गई थी." यह पूछे जाने पर कि क्या उसे परेशान किया जा रहा है या उसका पीछा किया जा रहा है, उसने कहा कि उसने ऐसी कोई शिकायत नहीं की. पुलिस ने कहा कि घटना की सूचना मोहन गार्डन पुलिस थाने को सुबह करीब नौ बजे दी गई और सफदरजंग अस्पताल से पहले उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया.  

सुबह की घटनाओं को याद करते हुए पीड़िता के चाचा ने कहा कि वह अपनी बहन के साथ मेट्रो स्टेशन की ओर जा रही थी जब उस पर हमला किया गया. दर्द असहनीय रहा होगा और वह मदद के लिए पास की दुकानों की ओर दौड़ी. एक दुकानदार ने पीड़ा कम करने के लिए उसके चेहरे पर दूध डाला.  

एलजी, महिला आयोग ने उठाए सवाल

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल समेत कई महिला संगठनों ने प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में एसिड की उपलब्धता पर सवाल उठाया. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि आरोपी इतना साहस कैसे जुटा सकते हैं.   

Advertisement

एलजी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मांगी रिपोर्ट

एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से बात की और एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसमें शहर में प्रतिबंध के बावजूद एसिड कैसे खरीदा गया, ये सवाल भी शामिल है. एलजी सचिवालय की ओर से ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई. ट्वीट में कहा गया है कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही पीड़िता के इलाज के लिए एलजी लगातार अस्पताल के डॉक्टर्स से संपर्क में हैं. उन्होंने पीड़िता और उसके परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है.  

ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं किए जा सकते: केजरीवाल

वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इस तरह के हमलों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. दिल्ली में हर बच्ची की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है." वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने पीड़िता को मुआवजे के लिए दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के साथ मामला उठाया है और अस्पताल में एक टीम की प्रतिनियुक्ति की है, वहीं दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने पुलिस को नोटिस जारी किया है. 

कोर्ट जा सकती हैं स्वाति मालीवाल 

स्वाति मालीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एसिड हमलों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद खुदरा दुकानों पर एसिड की ओवर-द-काउंटर बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था और राज्य सरकारों द्वारा प्रत्येक एसिड अटैक पीड़ित को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि एसिड की ओवर-द-काउंटर बिक्री पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए DCW अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है. मालीवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आयोग की बार-बार की सिफारिशों के बावजूद, एसिड की खुदरा बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. बाजार में खुलेआम एसिड बेचा जा रहा है. वास्तव में, एसिड प्राप्त करना उतना ही आसान है जितना कि सब्जियां खरीदना!  

Advertisement

देश में 2020 में 182 एसिड अटैक के मामले

दिल्ली में साल 2018 में 11 और 2019 में 10 एसिड अटैक के मामले दर्ज किए गए. राष्ट्रीय राजधानी में 2020 में केवल दो मामले देखे गए. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 2018 में 228, उसके अगले साल 249 और 2020 में 182 मामले दर्ज किए गए थे. 

 

Advertisement
Advertisement