दिल्ली में एक बार फिर मरीजों की मुश्किल बढ़ सकती है, सबसे बड़े अस्पताल एम्स के रेसिडेंट डॉक्टर एक बार फिर हड़ताल पर चले गए हैं. रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से इमरजेंसी और आईसीयू छोड़कर बाकी सभी सेवाओं पर असर पड़ेगा.
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरजीत सिंह भाटी ने आरोप लगाया कि एम्स प्रशासन ने एक डॉक्टर के साथ बदसलूकी की है. आरोप है कि प्रोफेसर अतुल कुमार ने एक रेजिडेंट डॉक्टर पर हाथ उठाया, जिसके बाद गुरुवार को दिनभर एम्स में रेजिडेंट डॉक्टर प्रदर्शन करते रहे और प्रोफेसर के द्वारा माफी की मांग उठाते रहे.
रेजिडेंट डॉक्टर्स ने किया हड़ताल का ऐलान
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने गुरुवार देर शाम हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी. डॉक्टरों की मांग है कि प्रोफेसर को तुरंत डॉ. आर. पी. सेंटर के चीफ के पद से हटाया जाए और प्रोफेसर के द्वारा माफी मांगी जाए. उनका कहना है कि जब तकएक्शन नहीं लिया जाएगा तब तक रेजिडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकाल हड़ताल पर रहेंगे.
मरीजों को हो सकती है मुश्किल
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा घोषित की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल से जनरल ओपीडी में जाने वाले मरीजों को मुश्किल हो सकती है, क्योंकि ज्यादातर ओपीडी का काम रेजिडेंट डॉक्टर ही संभालते हैं. हड़ताल का असर सबसे ज्यादा ओपीडी पर पड़ेगा.
एम्स प्रशासन ने हड़ताल को बताया गैरकानूनी
एम्स प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि बातचीत के बावजूद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल गैरकानूनी है. ऐसे में अब सभी सर्जरी कैंसल कर दी गई हैं और पढ़ाई और एग्जाम जैसे एकेडमिक कार्य अगले आदेश तक ठप रहेंगे. एम्स निदेशक ने जल्द से जल्द हड़ताल खत्म करने की मांग की है.