दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने महाराष्ट्र के डॉक्टरों का समर्थन किया है. सुरक्षा की मांग करते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हेलमेट पहनकर विरोध जताया.
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में लगातार तीसरे दिन काम पर नहीं आने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों को बुधवार शाम तक ड्यूटी पर आने या छह महीने का वेतन नहीं दिए जाने की चेतावनी दी गई है. करीब 4,000 डॉक्टर अपने साथियों पर हुए हमलों के मद्देनजर कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार से विभिन्न सरकारी और नगर निगमों के अस्पतालों में हड़ताल पर हैं.
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई में मेडिकल कॉलेजों के करीब 500 रेजिडेंट डॉक्टरों को उनके डीन ने नोटिस जारी किया है. अधिकारी ने बताया कि नागपुर में 370, पुणे में 200 और सोलापुर में 114 रेजिडेंट डॉक्टरों को उनके मेडिकल कॉलेजों के डीन ने निलंबित कर दिया है. एमएआरडी के एक अधिकारी ने बताया कि उनके हड़ताल के कारण आउट पेसेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) और जनरल वार्ड में मुख्य रूप से चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई हैं. महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरिश महाजन ने बुधवार शाम आठ बजे तक रेजिडेंट डॉक्टरों को रिपोर्ट करने या छह महीने के वेतन का नुकसान उठाने की चेतावनी दी है.
उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों को ड्यूटी पर वापस आ जाना चाहिए या उन्हें छह महीने के वेतन का नुकसान उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए. रेजिडेंट डॉक्टरों के रूप में काम करने वाले परास्नातक पाठ्यक्रम के छात्रों को भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा, हमारे पास ऐसे कदम उठाने के लिए सभी कानूनी प्रावधान हैं. मंत्री ने ये भी कहा कि हमने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है और यह इस महीने के अंत तक उपलब्ध करा दी जाएगी. अब उन्हें काम पर लौट आना चाहिए.