दिल्ली में ऑड-ईवन का आज तीसरा दिन है और इसका असर प्रदूषण पर दिखने लगा है. हालांकि, अभी भी हवा जहरीली बनी हुई है. दिल्ली में बुधवार को औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स 356 रिकॉर्ड किया गया.
विशेषज्ञों का मानना है कि तेज हवा के कारण प्रदूषण के स्तर में गिरावट आ रही थी, लेकिन हवा रुकने के कारण इसमें बढ़ोतरी हुई है. आने वाले दिनों में दिल्लीवासियों को और राहत मिलने की उम्मीद है.
लोधी रोड पर जहां AQI लोधी रोड पर 238, दिल्ली यूनिवर्सिटी में 302, एयरपोर्ट टर्मिनल 3, नोएडा में 308, मथुरा रोड पर 287, गांधी चौक पर 449 और चांदनी चौक पर 449 रहा. ये आंकड़े बेहद खतरनाक स्तर पर है.
जब एनजीटी से मिली फटकार
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की भयावह स्थिति और बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को फटकार लगाई. केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ ने कहा, "सरकार इसको नियंत्रित करने में सक्षम क्यों नहीं है? अब हम यहां, वहां दौड़ रहे हैं और कोई प्रभावी प्रयास अभी तक नहीं किया जा रहा है.
पराली जलाने पर लगे रोक
ट्रिब्यूनल ने कहा कि भारत सरकार को देश में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सर्वोत्तम समाधान खोजना चाहिए. अपनी तरफ से समाधान का सुझाव देते हुए पीठ ने कहा, "प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए डॉक्यूमेंटरीज व फिल्म का इस्तेमाल करें. दूरदर्शन का उपयोग करें. पराली जलाने के खतरों के बारे में किसानों को शिक्षित करने के लिए स्वंय सहायता समूह (एसजीएच) बनाएं.
केंद्र ने कोर्ट से कहा कि इमरजेंसी जैसे हालात से निपटने के लिए प्रयास जारी है, जिसकी उच्चतम स्तर पर निगरानी हो रही है.