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दिल्ली: 15 अक्टूबर से डीजल जेनरेटर बैन, हवा के बावजूद कम नहीं हो रहा प्रदूषण

देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा एक बार फिर खराब होती जा रही है. आस-पास के राज्यों में पराली जलाने का सबसे ज्यादा असर दिल्ली पर ही पड़ता है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर-PTI
प्रतीकात्मक तस्वीर-PTI
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में बढ़ रहा है वायु प्रदूषण का स्तर
  • पराली जलाने के कारण बढ़ा AQI लेवल
  • तेज हवाएं भी नहीं आ रही हैं काम

देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा एक बार फिर खराब होती जा रही है. आस-पास के राज्यों में पराली जलाने का सबसे ज्यादा असर दिल्ली पर ही पड़ता है. 15-16 किमी प्रति घंटे की औसत हवा की गति के बावजूद दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन गुरुवार को खराब रही. दिल्ली में AQI का स्तर 208 दर्ज किया गया, जो इसे 'खराब' क्षेत्र में रखता है.

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खबर है कि बिगड़ते वायु प्रदूषण की जांच के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के कार्यान्वयन के साथ दिल्ली और एनसीआर के शहरों में 15 अक्टूबर से डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) की ओर से दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को गुरुवार को निर्देश जारी किए गए थे.

हवा के बावजूद प्रदूषण कम नहीं
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि तेज हवाएं प्रदूषकों के फैलाव में प्रमुख भूमिका निभाती हैं, लेकिन दिल्ली के मामले में मदद नहीं कर रहा है क्योंकि हवा की गति पूरे दिन के अनुरूप नहीं है. साथ ही हवा की दिशा सहायक नहीं है क्योंकि हरियाणा (पंजाब की वायु में प्राथमिक प्रदूषकों में से एक) उत्तर-पश्चिम से बहकर उत्तर-पश्चिम की ओर बह रही है. हरियाणा और पंजाब में पराली जलाई जा रही है.

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वैज्ञानिकों के अनुसार, शाम और सुबह के समय हवा की गति कम हो जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में उत्तर-पश्चिमी हवाएं हरियाणा और पंजाब में जलने वाली फसल के ठूंठ से धुँआ ला रही हैं, जो कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है.


 

 

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