दिल्ली की आबोहवा में प्रदूषण के जहर को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की निगरानी और रोकथाम करने वाले प्राधिकरण EPCA ने तत्काल आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए पर्यावरणीय प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) ने दिल्ली के प्रदूषण को Severe (विकट) की श्रेणी में रखा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार ने EPCA का गठन किया गया था.
EPCA ने साथ ही आगाह किया है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ सकती है. ऐसी नौबत आने पर इमरजेंसी की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों को लागू करने की जरूरत पड़ सकती है. जैसे कि...
-दिल्ली में जरूरी खाद्य सामग्रियों को छोड़कर बाकी किसी भी चीज की ट्रकों से आवाजाही पर रोक लगाई जाए.
-निर्माण (कंस्ट्रक्शन) के सभी कामों को कुछ समय के लिए रोक दिया जाए.
-इमरजेंसी में उठाए जाने वाले कदमों में यह भी शामिल है कि प्राइवेट वाहनों के लिए ऑड-इवन के फॉर्मूले को फिर लागू किया जाए.
-स्कूलों को बंद करने के बारे में टास्क फोर्स को फैसला लेने के लिए कहा जाए.
EPCA के नियमों के मुताबिक इमरजेंसी वाली स्थिति तब मानी जाती है जब हवा में 2.5 पार्टिकुलेट मैटर 300 से ऊपर पहुंच जाए और स्थिति 48 घंटे तक ऐसी ही बनी रहे. बता दें कि मंगलवार को दिल्ली में कुछ इलाकों में हालात ऐसे ही दिखे जिन्हें इमरजेंसी वाली स्थिति कहा जा सकता है.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने की वजह यह है कि ग्राउंड लेवल पर हवा बिल्कुल भी नहीं बह रही है. वहीं पंजाब में फसल जलाए जाने की वजह से आने वाले प्रदूषण के कण पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले हवा की नमी के साथ मिलकर दिल्ली के आसमान के ऊपर ठहर गए हैं. अनुमान यह है कि कम से कम अगले दो दिन तक ये स्थिति बनी रहेगी.
EPCA ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सरकारी स्तर पर कुछ कदमों को तत्काल उठाने के लिए कहा है, मसलन-
-ईंट के भठ्ठों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर मशीनों को बंद करना
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करना और सड़कों पर ज्यादा बसें लाना
- मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाना और पीक ऑवर में मेट्रो का किराया कम करना
- सड़क बनाने में इस बात का खास ख्याल रखना कि धूल ना उड़े
- सड़कों पर मशीन से सफाई और पानी का छिड़काव
- पार्किंग की फीस को 4 गुणा बढ़ाना ताकि लोग सड़कों पर कम गाड़ियां निकालें
- होटलों में कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक
EPCA ने कहा कि वह स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और अगर जरूरत पड़ती है तो इमरजेंसी में उठाए जाने वाले कदम को लागू करने को भी कहा जा सकता है.