राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से बढ़ गया है. पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल फिर से 300 तक जा पहुंचा है. इससे पहले 8 नवंबर से स्मॉग दिल्ली में था जिसके बाद तकरीबन एक हफ़्ते तक दिल्ली में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि थोड़ी बारिश के बाद प्रदूषण का स्तर कुछ कम हुआ था. लेकिन फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है.
कूड़ा और फसल जलाने से बढ़ा प्रदूषण
सीएसई यानी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट में प्रदूषण को रोकने को लेकर रिसर्च कर रही शामभवि शुक्ला का कहना है कि हरियाणा और पंजाब में जो फ़सले जलाई जा रही हैं, उसके कारण भी बहुत प्रदूषण हो रहा है. वहीं दिल्ली में अभी भी कई जगह कूड़ा जलाया जा रहा है. उसे रोका जाना चाहिए. रिसर्च में यही निकलकर आया है कि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए बसें बढ़ाने की ज़रूरत है. तकरीबन 10 हज़ार बसें
2018 तक होनी चाहिए. ताकि लोग बसों से भी सफर करें. अगर फिर से पीएम 2.5 का लेवल वैसा ही बढ़ गया तो एक बार फिर से जो ट्रक बैन किए थे, पार्किंग चार्ज बढ़ाया था. वही सब करना पड़ेगा.
फिर से वैसे ही होंगे हालात
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से एक बार फिर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. लोधी रोड पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बार फिर से 300 तक पहुंच गया है. सामान्य तौर पर पीएम 2.5 का स्तर 60 तक होना चाहिए. लेकिन 287 तक पहुंच गया है. यानी तकरीबन पांच गुना ज़्यादा बढ़ा हुआ है. यानी अगले कुछ दिनो में शायद वैसी ही स्थिति दिखाई दे जो पिछले कुछ दिनों पहले दिखाई दी थी. दिल्ली में स्मॉग के कारण लोगों की आंखों में जलन की समस्या सामने आई थी, वहीं लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत हुई थी.