दिल्ली में बुधवार की सुबह हवा में प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हो गया लेकिन हवा की गुणवत्ता अभी भी "बहुत खराब" श्रेणी में बनी हुई है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार की सुबह दिल्ली के मुंडका में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 325 रहा. वहीं, आनंद विहार में AQI लेवल 313, पटपड़गंज में 309 और आरके पुरम में AQI लेवल 305 रहा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि हवा की गति बढ़ने से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार होने की संभावना है. हवा की गति कम होने और तापमान कम होने से प्रदूषक पदार्थ सतह के करीब हवा में जम जाते हैं, जबकि हवा की गति तेज होने से प्रदूषकों के बिखराव में मदद मिलती है. दिल्ली में मंगलवार को एक्यूआई का स्तर 335 दर्ज किया गया था. वहीं, सोमवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 353 था. यह रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था.
Delhi: Air Quality Index is at 313 in Anand Vihar, 305 in RK Puram, 325 in Mundka and 309 in Patparganj; all four in 'very poor' category as per Delhi Pollution Control Committee data. pic.twitter.com/KcfLQbmcOX
— ANI (@ANI) October 28, 2020
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, हवा की दिशा और गति पंजाब तथा हरियाणा के पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाए जाने से निकले प्रदूषकों के यहां तक पहुंचने के लिए अनुकूल है. हालांकि, उसने कहा कि स्थानीय हवा की गति में सुधार होने से इसका प्रभाव कम होगा.
पराली जलने से होने वाले प्रदूषण का दिल्ली की पीएम 2.5 सघनता में हिस्सा सोमवार को 16 प्रतिशत था. यह रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को 9 प्रतिशत था. नासा के कृत्रिम उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा और आस-पास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पराली जलती हुई दिख रही है.
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राज्य में इस साल 21 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पराली जलाए जाने की 14,461 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान इसकी 9,796 घटनाएं सामने आई थीं. हरियाणा में इस सीजन में अब तक पराली जलाए जाने की लगभग 4,284 घटनाएं दर्ज की गई हैं.
केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की आशंका है. केंद्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एक कानून लाएगी.
पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'नया कानून केवल दिल्ली और एनसीआर के लिए होगा. यह जल्द ही सामने आएगा. इसके जुर्माने संबंधी सूचना पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. यह नया कानून केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए है. वायु कानून राष्ट्र के लिए है और यह जस का तस रहेगा.'
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के खराब होते स्तर को लेकर चिंता जताई थी और केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नया कानून लाएगा और उसके समक्ष चार दिन के भीतर एक प्रस्ताव पेश करेगा. इसके बाद ही गुप्ता की यह प्रतिक्रिया सामने आई है.
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