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'मौत के मुंह से बच कर आया हूं...', हाउस कीपिंग स्टाफ ने बताई दिल्ली एयरपोर्ट पर हुए हादसे की कहानी

चश्मदीद ने बताया कि पानी निकालने के दौरान मेरे पीछे से बिजली कड़कने की आवाज सुनाई दी. लेकिन जब मैंने मुड़कर देखा तो ऊपर से सब कुछ गिरता हुआ नीचे आ रहा था. हमलोग जैसे ही भागे मेरे सिर पर शीशा गिर गया. मैं आज मौत के मुंह से बचकर आया हूं.

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छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई- फोटो PTI
छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई- फोटो PTI

दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह टर्मिनल-1 पर पार्किंग की छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में एक शख्स की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए. कुछ लोग ऐसे भी रहे जो इस हादसे में बाल-बाल बच गए. मौत के मुंह से बचकर निकले ऐसे ही एक शख्स ने हादसे का आंखों देखा हाल बताया.

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अयोध्या के रहने वाले अरविंद गोस्वामी दिल्ली एयरपोर्ट पर हाउस कीपिंग का काम करते हैं. उन्होंने आजतक से बातचीत में बताया, 'एयरपोर्ट पर VIP गेट की तरफ बारिश का पानी भर रहा था. 1 नंबर गेट पर हमारी ड्यूटी लगी थी. सुपरवाइजर ने कहा कि अंदर पानी जा रहा है वहां से पानी निकालो. हम दो लोग पानी निकाल रहे थे. तक़रीबन 3:30 बजे जिस शेड के नीचे हम काम कर रहे थे वह गिरने लगा. अचानक से मेरे सिर पर शीशा गिरा और मैं बेहोश हो गया. लोग मुझे उठाकर अस्पताल लेकर आए.'

चश्मदीद ने बताया कि पानी निकालने के दौरान मेरे पीछे से बिजली कड़कने की आवाज सुनाई दी. लेकिन जब मैंने मुड़कर देखा तो ऊपर से सब कुछ गिरता हुआ नीचे आ रहा था. हमलोग जैसे ही भागे मेरे सिर पर शीशा गिर गया. मैं आज मौत के मुंह से बचकर आया हूं.

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हादसे में बचे अरविंद गोस्वामी


'ऐसा लगा जैसे बादल फटा हो'
घटनास्थल पर मौजूद एक चश्मदीद ने बताया कि सुबह 5:30 बजे बिजली कड़की और ऐसा लगा जैसे बादल फटा हो. देखा तो छत गिरी पड़ी थी जिसके नीचे 8-10 गाड़ियां भी दबी हुई थीं. उसने बताया कि देखने से कभी नहीं लगा कि यह छत गिर सकती है.

मृतक के बेटे ने की मुआवजे की मांग
हादसे में जान गंवाने वाले कैब ड्राइवर के बेटे ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. आजतक से खास बातचीत में उसने कहा कि पिता अकेले परिवार का खर्चा चलाते थे. उनके नहीं रहने के बाद परिवार का खर्चा कैसे चलेगा इसके लिए सरकार मुआवजा के अलावा सरकारी नौकरी की भी दे. बेटे ने कहा कि पुलिस ने सुबह से थाने में बैठा कर रखा. उसके बाद अस्पताल लेकर गए, लेकिन अभी तक मैं पिता का चेहरा नहीं देख पाया.

'पार्किंग में खड़ी गाड़ियां आईं चपेट में'
अधिकारियों ने बताया कि छत के अलावा ‘बीम’ भी गिर गए, जिससे टर्मिनल के ‘पिक-अप और ड्रॉप’ क्षेत्र (ऐसा क्षेत्र जहां यात्रियों को लाने-ले जाने वाले वाहन खड़े होते हैं) में खड़ी कारें क्षतिग्रस्त हो गईं. हादसे के बाद हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू खुद टर्मिनल वन पर पहुंचे और अधिकारियों से तमाम जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की और हादसे में मारे गए शख्स के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान करते हुए कहा, 'मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी जबकि घायलों को 3 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे. यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.'

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हादसे की वजह से टर्मिनल-1 से उड़ानें अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं. एहतियात के तौर पर चेक-इन काउंटर को रोक दिया गया है. मौके पर दमकल की गाड़ियां रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पहुंचीं. खराब मौसम की वजह से रात 12 बजे से अभी तक कुल 28 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं.

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