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उधर फुल्का, इधर माकन का इस्तीफा, कांग्रेस-AAP गठबंधन के रोड़े दूर?

दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया है. माकन के इस्तीफे से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का ने अपनी पार्टी को अलविदा कह दिया है. दोनों नेताओं के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की कवायद शुरू हो सकती है.

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अजय माकन (फोटो-फाइल)
अजय माकन (फोटो-फाइल)

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आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का के पार्टी छोड़ने के दूसरे दिन अजय माकन ने कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वीकार भी कर लिया है. इन दोनों नेताओं के इस्तीफे के बाद दिल्ली की सियासत में नए समीकरण बनने की संभावनाएं दिख रही हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव, 2019 के लिए कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के गठबंधन में यही दोनों नेता सबसे बड़ा रोड़ा बने हुए थे. ऐसे में अब एक बार फिर से दोनों दलों के बीच गठबंधन की कवायद तेज हो सकती है.

दरअसल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी- दोनों दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव 2019 में लड़ने की संभावनाएं तलाश रही थीं. लेकिन माकन और फुल्का- दोनों ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन के खिलाफ थे. माकन प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मानते थे कि उन्होंने आप के खिलाफ संघर्ष किया है. ऐसे में वो कैसे उसी पार्टी के साथ चुनाव लड़ेंगे. जबकि फुल्का 1984 सिख दंगे के चलते कांग्रेस से गठबंधन के खिलाफ थे.

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माकन और फुल्का के इस्तीफे के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन का रास्ता भी साफ हो गया है. ऐसे में एक बार फिर दोनों दलों के बीच गठबंधन की बातचीत शुरू हो सकती है. सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी की ओर से संजय सिंह बातचीत कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को इस मुहिम पर लगाया गया है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद 2015 में अरविंदर सिंह लवली की जगह अजय माकन को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी. 2017 दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस के तीसरे नंबर पर आने के बाद माकन ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था. हालांकि तब राहुल गांधी ने माकन का इस्तीफा लेने से साफ इनकार कर दिया था.

इसके बाद अजय माकन ने स्वास्थ्य कारणों से सितंबर में इस्तीफा दे दिया था. लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने तक के लिए उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा गया था, जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है. पार्टी प्रदेश के नए अध्यक्ष के नाम पर मंथन भी शुरू हो गया है. इनमें शीला दीक्षित, जेपी अग्रवाल और योगानंद शास्त्री में से किसी एक नाम पर मुहर लग सकती है.

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