देश की राजधानी दिल्ली के अनाज मंडी इलाके के लिए रविवार का दिन बड़ा हादसा लेकर आया. सूर्य की किरणें भी नहीं निकली थीं कि भीषण आग की लपटें तबाही लेकर आ गई. आग की लपटों और धुंए में 43 जिंदगियां खाक हो गईं.
इतनी बड़ी संख्या में मौत की दिल दहला देने वाली खबर से हर कोई गमगीन है. फायर ब्रिगेड की गाड़िया मौके पर पहुंचने और रेस्क्यू ऑपरेशन होने के बावजूद इतनी मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके पीछे प्रमुख वजह यह बताई जा रही है कि फायर डिपार्टमेंट को यह पता ही नहीं था कि हुआ क्या है.
फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियां आग बुझाने पहुंचीं लेकिन मौके पर पहुंचने के लिए रास्ता काफी संकरा था. इसकी वजह से फायर ब्रिगेड ने एक छोटी गाड़ी को मौके पर भेजा और अन्य को 500 मीटर पहले ही रोकना पड़ा. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एक फायरकर्मी ने इस संबंध में बताया कि जब फायर दस्ते के लोग मौके पर पहुंचे, तब बिल्डिंग का दरवाजा बाहर से लॉक था.
फायरकर्मी ने बताया कि अंदर से लोग बचाओ- बचाओ की गुहार लगा रहे थे. फायर ब्रिगेड ने दरवाजा तोड़ कर लोगों को बाहर निकालना शुरू किया. कई लोग बेहोशी की हालत में मिले, जिन्हें निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया. दरवाजे में बाहर से ताला लगे होने को भी इतनी अधिक संख्या में मौत की वजह माना जा रहा है. अधिकतर मौतों के पीछे दम घुटने को वजह बताया जा रहा है.
क्या है पूरी घटना
फिल्मिस्तान इलाके के रानी झांसी रोड स्थित एक बैग बनाने की फैक्ट्री में आग लग गई. बताया जाता है कि यहां पैकिंग का भी काम होता है. फायर ब्रिगेड ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया. लोगों को बिल्डिंग से निकालकर उपचार के लिए चार अस्पतालों में पहुंचाया गया. दिल्ली पुलिस ने इस हादसे में अब तक 43 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि एक दर्जन से अधिक जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.