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दिल्ली में दवा विक्रेताओं की मनमानी के खि‍लाफ चला हस्ताक्षर अभ‍ियान

दिल्ली में दवा विक्रेताओं की मनमानी का मामला सामने आया है. एक शख्स की पत्नी को डॉक्टर ने किसी समस्या के चलते इलाज के तौर पर मिनोलोक्स 100 की 5 गोलियां खाने की सलाह दी थी. लेकिन कई बड़े दवा विक्रेताओं ने मनमानी का रवैय्या अपनाते हुए इस शख्स को पांच गोलियां देने से इनकार कर दिया.

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दिल्ली में दवा विक्रेताओं की मनमानी का मामला सामने आया है. एक शख्स ने इस बाबत इंटरनेट पर इस बाबत हस्ताक्षर अभ‍ियान शुरू किया है. दरअसल, वह अपनी पत्नी के लिए एक दवा की 5 गोलियां खरीदने निकले थे, लेकिन कई बड़े और नामी दवा विक्रेताओं ने मनमानी का रवैय्या अपनाते हुए पांच गोलियां देने से इनकार कर दिया. विक्रेता दवा की पूरी पत्ती खरीदने पर जोर दे रहे थे.

पीड़ि‍त व्यक्त‍ि का कहना है कि डॉक्टर ने 5 गोलियां खाने की ही सलाह दी थी. ऐसे में जब वह कैमिस्ट से पांच गोलियां मांगने गया तो उसने गोलियों का पूरा पत्ता यानी 10 गोलियां खरीदने का दबाव डाला गया. अपोलो फार्मेसी पर ऐसे अनुभव के बाद यह शख्स पांच गोलियां लेने की कोशिश में मेड-प्लस जा पहुंचा. वहां भी इसके सामने ऐसी ही शर्त रखी गई. जिसके बाद यह व्यक्ति साईं केयर मेडिकोज गया. यहां भी  उसके साथ वैसा ही रवैय्या इख्तियार किया.

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दवा के पत्ते को काटने से परहेज
व्यक्ति ने बताया, 'मैंने तंग आकर जब दवा विक्रेता से पूछा कि वह 10 गोलियां क्यों ले, तो जवाब मिला कि जो दवाएं ज्यादा महंगी होती हैं उनका पूरा पत्ता ही बेचा जाता है. पांच गोलियों के लिए पत्ते को काटना पड़ेगा जो वो नहीं चाहता.'

मामले में पुलिस ने दी दखल
आम तौर पर देखा गया है कि कैमिस्ट अक्सर दवा का पूरा पत्ता बेचने पर आमादा होते हैं. हाल ही मुंबई में भी ऐसी ही गलत प्रणाली के खिलाफ एफडीए ने कड़े कदम उठाए थे. दरअसल, इस पूरी प्रक्रिया से भ्रष्टाचार की बू आती है. आखिरकार उस व्यक्ति को पांच गोलियां खरीदने के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ा. पुलिस की दखल के बाद दवा विक्रेता ने उसे पांच गोलियां दे दी. जिसकी वीडियो इस शख्स ने कैद कर ली.

शुरू की गई मुहिम
ये भ्रष्ट प्रैक्टिस काफी धड़ल्ले से की जा रही है. इसका दुष्प्रभाव उन गरीब जरूरतमंद लोगों पर पड़ता है जो पूरा पत्ता खरीदने की हैसियत नहीं रखते. इस घटना के बाद पीड़ित खरीददार ने एक 'चेंड डॉट ओआरजी' वेबसाइट पर हस्ताक्षर अभियान चलाया है.

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