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Delhi Excise Policy: सड़क से लेकर संसद तक... दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी पर क्यों नहीं थम रहा विरोध?

Delhi Government Excise Policy: दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को राज्यसभा में इसका मुद्दा उठा. राज्यसभा सांसद सोनल मानसिंह ने एक्साइज पॉलिसी पर रोक लगाने की मांग की.

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पिछले साल नवंबर में लागू हो गई थी दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी. (फाइल फोटो-PTI)
पिछले साल नवंबर में लागू हो गई थी दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नवंबर 2021 से लागू है नई एक्साइज पॉलिसी
  • बीजेपी का आरोप- नई शराब की दुकानें खुल रहीं
  • सरकार का तर्क, एक भी नई दुकान नहीं खोली गईं

Delhi Government Excise Policy: दिल्ली सरकार की शराब नीति का मुद्दा आज संसद में उठा. राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सोनल मानसिंह ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि समाज के लिए पीड़ादायी नीतियों पर रोक लगाना जरूरी है. उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की भी अपील की. 

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उन्होंने दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी और शराब पर छूट की पेशकश का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों ने कई जगह इसका विरोध किया, प्रदर्शन भी किए, लेकिन दिल्ली सरकार पर इसका असर नहीं पड़ा. जब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया तब जाकर इसे बंद किया गया. 

उन्होंने ये भी कहा कि जब लोगों ने प्रदर्शन किया तो सरकार ने कुछ प्रावधान लागू किए जाने का ठीकरा शराब दुकानदारों पर फोड़ दिया. 

अभी कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने दिल्ली सरकार की इस नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर प्रदर्शन किया था. इससे पहले भी दिसंबर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पॉलिसी के विरोध में लंबा चक्काजाम कर दिया था. सिर्फ बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी इसका विरोध कर रही है. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर ये नई एक्साइज पॉलिसी में ऐसा क्या है जो इसका विरोध हो रहा है?

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बीजेपी-कांग्रेस दोनों नई एक्साइज पॉलिसी का विरोध करती रही है. (फाइल फोटो-PTI)

सबसे पहले एक्साइज पॉलिसी की क्रोनोलॉजी?

- 22 मार्च 2021 को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने नई एक्साइज पॉलिसी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि नई पॉलिसी आने के बाद शराब की दुकानें सरकार नहीं चलाएगी, बल्कि पूरी तरह से इन्हें निजी हाथों को सौंप दिया जाएगा.

- दिल्ली में शराब की 850 दुकानें हैं, जिनमें से 60% सरकारी और 40% प्राइवेट हैं. सरकार का कहना था कि नई शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी. नई एक्साइज पॉलिसी को 17 नवंबर 2021 से लागू कर दिया गया. ये पॉलिसी 2022-23 में भी लागू रहेगी. 

अब बात एक्साइज पॉलिसी में क्या बातें?

- दिल्ली में नई शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी. दिल्ली में कुल 272 वार्ड्स हैं और हर वार्ड में कम से कम तीन दुकानें होंगी. 

- सरकार का कहना है कि 79 वार्ड में एक भी दुकानें नहीं हैं. यानी इन वार्ड में भी दुकानें खोली जाएंगी. ये दुकानें दूसरे वार्ड से शिफ्ट होकर यहां आएंगी.

- अभी तक 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी दुकानें प्राइवेट थीं. अब 100 फीसदी दुकानें निजी हाथों में होंगी. 

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- शराब पीने की कानूनी उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल की गई. सरकार ने हाईकोर्ट में कहा था कि जब 18 साल से ऊपर वोट दे सकते हैं तो शराब क्यों नहीं पी सकते.

- इंटरनेशनल एयरपोर्ट की दुकानें और होटलों में 24 घंटे शराब परोसी जा सकेगी. 

- शराब की होम डिलिवरी भी हो सकती है. हालांकि, किसी होस्टल, संस्थान या ऑफिस में शराब की डिलिवरी नहीं होगी. 

- शराब की दुकानों का एरिया 500 वर्ग फीट होगा. अगर किसी दुकान का एरिया इससे कम है तो उसका एरिया बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही दुकान की खिड़की या काउंटर सड़क की ओर नहीं होगा.

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विरोध क्यों हो रहा है?

- दिल्ली सरकार कह चुकी है कि राजधानी में शराब की नई दुकानें नहीं खोली जाएंगी, लेकिन बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर नई शराब की दुकानें खोलने का आरोप लगाया है.

- दो हफ्ते पहले ही बीजेपी ने शराब नीति के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है. दिल्ली बीजेपी के मीडिया हेड नवीन कुमार ने बताया कि सभी वार्डों में 1,120 बॉक्स रखे गए हैं, जिसमें लोग अपनी राय दे सकते हैं. 

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- दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि नई पॉलिसी से लोगों की सेहत और भविष्य पर असर पड़ेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि शराब की दुकानें खोलकर सरकार युवाओं को शराब पीने के लिए प्रेरित कर रही है.

सरकार का क्या तर्क है?

- सरकार का कहना है कि दिल्ली में शराब की एक भी नई दुकान नहीं खुलेगी. जितनी दुकानें हैं, उतनी ही रहेंगी. पिछले साल एक्साइज पॉलिसी के बारे में जानकारी देते हुए मनीष सिसोदिया ने बताया था कि 79 वार्ड में एक शराब की एक भी दुकान नहीं है, जिससे शराब माफिया सक्रिय होते हैं. 

- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी कहा था कि नई पॉलिसी से शराब माफियाओं पर लगाम लगेगी. उन्होंने कहा था कि इन बदलावों को रोकने के लिए शराब माफिया कुछ भी करेंगे. आप की सरकार ने पहले भी एजुकेशन, हेल्थ, पानी जैसे सेक्टरों से माफिया राज खत्म किया है और अब इसकी बारी है.

लेकिन इस पॉलिसी की जरूरत क्यों?

नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने के पीछे सरकार दो तर्क देती है. पहला तो ये कि इससे माफिया राज खत्म होगा. और दूसरा कि इससे सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. मनीष सिसोदिया का कहना है कि नई पॉलिसी से सरकार के रेवेन्यू में हर साल 3,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

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