scorecardresearch
 

अधिकारों की लड़ाई में फिर SC पहुंचे केजरीवाल, गृह सचिव से मिले LG

अनिल बैजल ने बैठक का ब्योरा बताने से इनकार कर दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या सेवाओं के मुद्दे पर बैठक में चर्चा हुई, एलजी ने कहा, 'मेरे और केजरीवाल के बीच सबकुछ ठीक है.'

Advertisement
X
एलजी से मुलाकात के दौरान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
एलजी से मुलाकात के दौरान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

Advertisement

सेवाओं से जुड़े विषयों पर अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ चल रही रस्साकशी के बीच दिल्ली के उप राज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल और मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा से आज मुलाकात की है. इससे पहले केजरीवाल सरकार ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले को लेकर फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय में उनकी आधे घंटे तक बैठक चली. समझा जाता है कि इस दौरान बैजल, प्रकाश और गौबा ने दिल्ली सरकार की शक्तियों पर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के मद्देनजर सेवाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.

हालांकि, अनिल बैजल ने बैठक का ब्योरा बताने से इनकार कर दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या सेवाओं के मुद्दे पर बैठक में चर्चा हुई, एलजी ने कहा, 'मेरे और केजरीवाल के बीच सबकुछ ठीक है.'

Advertisement

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी को एक पत्र लिख कर हैरानगी जताते हुए कहा कि वह दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अधिकारों को लेकर रस्साकशी पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनिंदा तरीके से कैसे स्वीकार कर सकते हैं.

इस पर, अनिल बैजल ने अपने जवाब में कहा कि शीर्ष न्यायालय के फैसले को चुनिंदा तरीके से स्वीकार करने का उन पर गलत आरोप लगाया गया.  सुप्रीम कोर्ट ने चार जुलाई के अपने फैसले में कहा था कि एलजी दिल्ली सरकार के नीतिगत फैसलों में बाधा नहीं डाल सकते हैं क्योंकि उनके पास स्वतंत्र शक्तियां नहीं हैं और वह निर्वाचित सरकार के परामर्श से काम करने के लिए बाध्य हैं.

शीर्ष न्यायालय के फैसले के बाद केजरीवाल सरकार ने नौकरशाहों के तबादले और नियुक्तियों के लिए एक नई प्रणाली पेश की तथा इसकी मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री को सौंप दिया.  

हालांकि, सेवा विभाग ने इसका पालन करने से इनकार करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में जारी उस अधिसूचना को समाप्त नहीं किया, जिसने गृह मंत्रालय को तबादले और नियुक्तियों की शक्तियां दी थी. केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार और उप राज्यपाल शीर्ष न्यायालय के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.

Advertisement
Advertisement