scorecardresearch
 

RTI से खुलासा, चाय-पानी पर दिल्ली सरकार ने 3 साल में खर्च कर डाले एक करोड़

आरटीआई एक्टिविस्ट के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया, जबकि सरकार बनने से पहले उन्होंने जनता से वादा किया था कि वे जनता के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

Advertisement
X
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

Advertisement

महाराष्ट्र सरकार पर चाय घोटाला सामने आने के बाद अब दिल्ली सरकार में भी यही घोटाला सामने आया है. केजरीवाल सरकार ने पिछले 3 सालों में चाय पानी पर 1 करोड़ 3 लाख 4 हजार 162 रुपये खर्च कर डाले हैं.

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह खुलासा हुआ है, यही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले 3 सालों में 56 हवाई दौरे किए जिनका खर्च 11.99 लाख रुपये आया.

आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनिया के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया, जबकि सरकार बनने से पहले उन्होंने जनता से वादा किया था कि वे जनता के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. दिल्ली के मुख्यमंत्री जब 3 साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा चाय पानी पर खर्च कर सकते हैं तो आने वाले 2 सालों में और कितना खर्च बढ़ सकता है, इसका सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

Advertisement

आम आदमी पार्टी ने जनता से कई वादे करके दिल्ली की राजनीति में खुद को काबिज कर सत्ता तक पहुंची तीन साल के कार्यकाल मे कई बार अपने आप में ही विवाद से लागातार घिरे रहना ही आप की सरकार की खासियत रही हो मानो कभी कुछ तो कभी कुछ अपने ही विधायकों का नाराज होना, कभी अपने ही पार्टी के विधायकों के निशाने पर दिल्ली सरकार का रहना, अब सवाल यह उठता है कि चुनाव से पहले किए गए वादों को छोड़ कर जनता की कमाई से चाय पानी कहीं आने वाले चुनावों में जनता केजरीवाल सरकार को बाहर का रास्ता ना दिखा दे.

इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में रोजाना 18,500 कप चाय की खपत है. मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) का हवाला देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में सीएमओ में चाय की खपत पर खर्च में भारी वृद्धि हुई है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 2017-18 में सीएमओ में 3,34,64,904 रुपये की चाय पी गई, जबकि 2015-16 में करीब 58 लाख रुपया इस पर खर्च किया गया था.

Advertisement
Advertisement