आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा लगातार किए गए हंगामे के चलते दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को बुधवार दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा सदन में दलित की बजाय छोटी जाति शब्द का इस्तेमाल करने पर आप विधायक भड़क गए और वेल में बीजेपी विधायक को घेरकर जमकर नारेबाज़ी की.
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने बीजेपी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा को सस्पेंड करने की मांग की. आप विधायक जिद पर अड़े गए कि जब तक बीजेपी विधायक सदन में माफी नहीं मांगते, तब तक वो उन्हें चर्चा में हिस्सा नहीं लेने देंगे.
दरअसल, सदन में वेतन न मिलने से परेशान होकर हड़ताल कर रहे सफाई कर्मियों की समस्याओं को लेकर चर्चा शुरू हुई थी. सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ इस चर्चा में अकाली-बीजेपी गठबंधन के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा बोल रहे थे. उन्होंने गोविंद सिंह की भावनाओं का जिक्र करते हुए दलित के बजाय छोटी जाति शब्द का इस्तेमाल किया, जिसके बाद आप विधायको ने हंगामा शुरू कर दिया. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने इस शब्द को कार्यवाही से निकालने की बात कही.
आप विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के समाने भी प्रदर्शन किया. हंगामा न रुकने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन स्थगित कर दिया. इसके बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी विधायक सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आए. आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट किया कि दिल्ली विधानसभा में बार-बार टोकने के बावजूद मनजिंदर सिंह सिरसा दलितों के लिए बेहद अपमानजनक और घटिया भाषा इस्तेमाल करते रहे. विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर भी अपने शब्द वापस नहीं लिए और न ही माफी मांगी. सभी विधायक ने एकजुट होकर उनकी निंदा की और सदन भी स्थगित हो गया.
आप विधायक जरनैल सिंह ने मनजिंदर सिंह सिरसा को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा कि दलितों को छोटी जाति का कहना बीजेपी का स्टैंड हो सकता है. इसको सिखों से न जोड़ें. गुरु गोबिंद सिंह जी ने छोटे-बड़े, दलित, ब्राह्मण का भेद मिटाकर सिर्फ सिख बनाया था, जो हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ता है. उधर, बीजेपी-अकाली विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के विधायक गुरु गोविंद की शिक्षाओं को नौटंकी कहकर अपमानित कर रहे हैं. इस मसले पर सीएम अरविंद केजरीवाल की चुप्पी की भी बीजेपी कड़ी निंदा करती है. इस अपमान पर आम आदमी को माफी मांगनी चाहिए.
मालूम हो कि 28 मार्च को बजट सत्र खत्म होने के बाद सदन के सत्र को दो और तीन अप्रैल तक के लिए बढ़ाया गया था. मंगलवार को सत्र खत्म होने के बाद इसको चार और पांच अप्रैल के लिए बढ़ा दिया गया यानी अब दो दिन तक सत्र और चलेगा. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के रुख को देखते हुए ऐसा लगता है कि आगामी दो दिन भी सदन के हंगामेदार रहने के आसार हैं.