दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता की अगुवाई में बीजेपी विधायकों का दल मंगलवार को उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की. इस दौरान गुप्ता ने केजरीवाल सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत को हटाने की मांग की. विधानसभा में अनिल बैजल से मुलाकात के दौरान कैलाश गहलोत के अलावा विधायक ओपी शर्मा और जगदीश प्रधान भी मौजूद रहे.
विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों को तोड़-मरोड़कर कैलाश गहलोत को मंत्री पद पर बने रहने दिया और उन्हें विधानसभा के सत्र में भाग लेने दिया. बीजेपी विधायकों ने उप राज्यपाल से आग्रह किया कि वो गहलोत को कैबिनेट से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और सुनिश्चित करें कि वो सदन की कार्यवाही में हिस्सा न लें.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि कैलाश गहलोत को इस आधार पर मंत्री बनाया गया था कि वो विधायक थे, लेकिन जब उनकी विधायकी समाप्त हो गई, तो उनका मंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक हो गया. उन्होंने कहा कि गहलोत का मंत्री पद पर बने रहना गैर कानूनी है. लिहाजा उनको तुरंत मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन सीएम केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया.
बीजेपी नेता गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 के नियम 43(बी) के अंतर्गत विधायक न रहते हुए कोई व्यक्ति छह महीने तक मंत्री बना रह सकता है, लेकिन नियम में यह कहीं नहीं लिखा है कि जिस विधायक की सदस्यता रद्द कर दी गई हो, वो छह महीने तक मंत्री बना रह सकता है. बीजेपी विधायकों ने कहा कि भारतीय संविधान और दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 के अंतर्गत कैलाश गहलोत का मंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है. मुलाकात के बाद विजेंदर गुप्ता ने बताया कि इस मसले पर उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलने का वक्त मांगा है.