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केजरीवाल सरकार के खिलाफ कांग्रेस चलाएगी 'हिसाब दो-जवाब दो' कैंपेन

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को जमीन पर घेरने के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ 'हिसाब दो-जवाब दो' कैंपेन की शुरुआत की है.

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फोटो-दिल्ली कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से
फोटो-दिल्ली कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को जमीन पर घेरने के लिए कांग्रेस ने एक नए अभियान की शुरुआत की है. इस कैंपेन का नाम दिया गया है 'हिसाब दो-जवाब दो.' दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इसकी शुरुआत बाहरी दिल्ली के बादली विधानसभा से कर दी है.

अभियान के तहत कांग्रेस घर-घर जाकर लोगों को आम आदमी पार्टी की हकीकत से रूबरू करा रही है. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ता पद यात्रा निकाल रहे हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी के वादों की जनता के बीच में पोल खोली जा रही है. जनता के बीच ये मैसेज देने की कोशिश की जा रही है कि 5 साल केजरीवाल सरकार ने केवल वादे ही किए हैं. ऐसे में इन वादों का हिसाब जनता को लेना चाहिए.

हर वादे का जनता के बीच सियासी टेस्ट

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दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया कि जनता के बीच जाकर केजरीवाल सरकार के 70 बड़े वादों का रियल्टी चेक किया जा रहा है. जनता से पूछा जा रहा है कि क्या उनके घर में वाई-फाई आया? क्या उनके इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगे? क्या नए स्कूल बने? और इसके अलावा तमाम केजरीवाल सरकार की बड़ी योजनाओं को लेकर जनता के बीच सवाल उठाए जा रहे हैं. देवेंद्र यादव का कहना है कि करोड़ों रुपए का प्रचार करने में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार आगे नजर आती है, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ है.

पूरी दिल्ली में हिसाब मांगेगी कांग्रेस

दिल्ली कांग्रेस का ये अभियान पूरी दिल्ली में चलाया जाएगा. चर्चा है कि इसको लेकर सभी कार्यकर्ताओं को पूरी जानकारी ब्रीफ की जाएगी कि कैसे केजरीवाल सरकार के हर वादे को पूरे सबूत के साथ जनता के बीच में टेस्ट करना है. दिल्ली में कांग्रेस की लड़ाई केवल केजरीवाल सरकार से ही नहीं है. दिल्ली कांग्रेस की एक उलझन दिल्ली में बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता को रोकना भी है. ऐसे में बीजेपी शासित नगर निगम पर भी कांग्रेस आने वाले दिनों में जमकर निशाना साधेगी ताकि विधानसभा चुनाव के पहले जनता के बीच केजरीवाल सरकार और दिल्ली में नगर निगम में काबिज बीजेपी के वादों की हकीकत को परखा जा सके.

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