दिल्ली सरकार से जारी टकराव के बीच प्रदेश के उपराज्यपाल नजीब जंग गुरुवार को गृह मंत्रालय पहुंचे. यहां गृह सचिव के साथ उनकी बैठक काफी देर चली. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन पर आगे के रुख समेत कई प्रशासनिक मुद्दों पर बातचीत हुई. गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक में नहीं थे.
नोटिफिकेशन पर शुक्रवार को HC में होगी सुनवाई
दिल्ली में उपराज्यपाल को पूरी शक्तियां देने वाले मोदी सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. इस याचिका में अधिसूचना की संवैधानिक मान्यता को चुनौती दी गई है.
इससे पहले दिल्ली विधानसभा ने नोटिफिकेशन को 'तालिबानी' बताते हुए इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया. अब इस प्रस्ताव की कॉपी राष्ट्रपति, उपराज्यपाल और सांसदों को भेजी जाएंगी. दिल्ली विधानसभा ने विधानसभा सत्र के पहले दिन AAP विधायक सोमनाथ भारती की ओर से पेश निजी प्रस्ताव पर तीन विधायकों की ओर से पेश किए गए चार संशोधनों को स्वीकार कर लिया. AAP विधायक सोमनाथ भारती ने बुधवार को एक निजी सदस्य प्रस्ताव पेश किया था और केंद्र की नोटिफिकेशन को अवैध और अमान्य बताया था. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यह सदन सरकार को सिफारिश करती है कि वह एनसीटी लोकसेवा आयोग के गठन के लिए कानून लाए.
तालिबानी है यह नोटिफिकेशन: सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली सरकार की जंग से डरी हुई है और इस तरह की नोटिफिकेशन संविधान का अपमान है. विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि केंद्र की अधिसूचना दिल्ली विधानसभा के अस्तित्व को खतरा है और मौजूदा स्थिति 125 साल पुराने ब्रिटिश शासन के दौरान की स्थिति से भी खराब है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, हर कोई, विधानसभा, निर्वाचित सरकार कह रही है कि यह अधिसूचना सही नहीं है, लेकिन वे (केन्द्र) कह रहे हैं कि हमें संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, सत्ता में आने से पहले, हम जानते थे कि दिल्ली सरकार के कार्यक्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर, जमीन और पुलिस नहीं आती. इन तीन विषयों को छोड़कर विधानसभा के पास सभी विषयों पर अधिकार है. जिन लोगों का संविधान में भरोसा नहीं है केवल वे ही इस तरह की अधिसूचना लाने की जरूरत महसूस कर सकते हैं. उन्होंने तालिबानी अधिसूचना जारी कर दी.
इतना हेडमास्टर का भी कंट्रोल नहीं होता: केजरीवाल
सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG और केंद्र पर जमकर निशाना साधा. केजरीवाल ने विधायकों से कहा, 'आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है. देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन डरिए मत, आपको मैं सैलरी दूंगा. ये सदन सैलरी देगा.' उन्होंने अपने अफसरों को ताल ठोककर काम करने कहा. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के नापाक इरादों पर पानी फेर दिया. सरकार एसीबी को खत्म करना चाहती थी. यही नहीं, उन्होंने कहा कि एलजी के जरिए सरकार ने दिल्ली सरकार को ठप करने की कोशिश भी की.
उन्होंने कहा, 'उपराज्यपाल ने मीडिया से झूठ कहा था. हमें फेल करने की साजिश की गई थी. अफसरों के तबादले के बारे में हमें नहीं बताया गया. हमारी सरकार को ठप करने की साजिश की जा रही है.'
LG के जरिये सरकार को ठप करने की हो रही कोशिश: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, 'उपराज्यपाल ने जितना कंट्रोल कर रखा है इतना कंट्रोल तो मेरे हेडमास्टर का नहीं था. इतनी दखलअंदाजी तो कभी नहीं हुई. अगर किरण बेदी मुख्यमंत्री बनती तो भी क्या ऐसा ही हो रहा होता? बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि यह संवैधानिक मुद्दा नहीं है. हां, यह संवैधानिक मुद्दा नहीं है यह राजनैतिक मुद्दा है. केंद्र सरकार के चलते तानाशाही की ओर बढ़ रहा है देश.'
केजरीवाल ने सवाल किया, 'क्यों केंद्र सरकार ने कई राज्यों के राज्यपालों को बदल दिया? क्योंकि जिस राज्य में उनकी सरकार नहीं हो वहां वो सत्तारूढ़ सरकार की नाक में दम कर दें. दिल्ली में उपराज्यपाल के जरिए सरकार को ठप करने की कोशिश की गई. अब हार गए हो कम से कम दिल्ली की जनता से बदला तो मत लो. दिल्ली में एलजी ने झुग्गियों को तुड़वाया और कहा गया कि हम ऐसा करा रहे हैं. एलजी बीजेपी के इशारों पर नाच रहे हैं.'
केजरीवाल ने कहा, 'एक साजिश रची जा रही है. जब से सरकार बनाई गई है तब से अड़चने जानबूझ कर पैदा की जा रही हैं, कभी एलजी के तो कभी पुलिस के माध्यम से. मैं सीएम होकर एक जांच नहीं करा सकता. एलजी को मैंने कहा रेप पर जांच के कराओ तो उन्होंने मना कर दिया.'