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'मेरी सीट से चुनाव लड़ लें LG, जमानत जब्त हो जाएगी,' विधानसभा में AAP विधायक का तंज

दिल्ली में विधानसभा सत्र बुलाया गया है. पहले दिन सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और विपक्ष बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले. दिल्ली विधानसभा सत्र बुलाने की आपत्तियों पर सदन में डिप्टी स्पीकर ने जवाब दिया और कहा, सत्र कब बुलाना है, ये विधानसभा का विशेषाधिकार है.

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दिल्ली में विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुरू हो गया है. (फाइल फोटो)
दिल्ली में विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुरू हो गया है. (फाइल फोटो)

दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार को शुरू हो गया है. ये सत्र राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के कानून बनाए जाने के बाद पहली बार आयोजित हो रहा है. इस दौरान सत्ता पक्ष आम आदमी पार्टी और विपक्ष बीजेपी के बीच बहस देखने को मिल रही है. सदन में AAP विधायक मोहिंदर गोयल ने उपराज्यपाल को लेकर तंज कसा और चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली.

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मोहिंदर गोयल ने कहा, बीजेपी विधायक अभय वर्मा कह रहे थे कि चुनाव करा लें. आप किसी भी सीट से चुनाव करा लें. मैं खुद इस्तीफा देने को तैयार हूं. अगर एलजी चुनाव लड़ना चाहें तो मेरी सीट से आ जाएं. वे देश की सबसे बड़ी पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लड़ लें. उनकी जमानत जब्त हो जाएगी. उन्होंने कहा, आज विधानसभा का सत्र चल रहा है. एक भी अधिकारी नहीं है. यह शर्म की बात है. यह सुनिश्चित होना चाहिए कि जब भी विधानसभा सत्र हो, मुख्य सचिव और सभी अधिकारी भी यहां मौजूद रहें. मोहिंदर गोयल रिठाला सीट से दो बार के विधायक हैं. यह इलाका दिल्ली के उत्‍तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र का हिस्‍सा है.

'काम करो ऐसा कि...'

उन्होंने कहा, अहंकार से तीनों गए धन वैभव और वंश. यकीन नहीं तो देख लो, रावण, कौरव, कंस. एलजी और केंद्र तमाशबीन ना बनें, अहंकार छोड़ें. काम करो कुछ ऐसा कि लोग तुम्हारे लौटने का इंतजार करें. ऐसा ना करो कि लोग तुम्हारे मिटने का इंतजार करें.

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दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी सिंह ने जल बोर्ड को फंड ना मिलने के सवाल पर पक्ष रखा. उन्होंने कहा, यह मुद्दा सभी विधायक बार-बार उठा रहे हैं. जल बोर्ड के पास काम करने का कोई भी पैसा नहीं है. जब विधानसभा ने पैसा दिया है तो जनता के काम करने के लिए पैसे क्यों नहीं है. जनता के पैसे इसलिए नहीं हैं इस सरकार के अफसर बार-बार फाइल्स पर ऑब्जेक्शन लगाते हैं. फाइल अफसरों के चक्कर काटती रहती हैं कोई भी काम पूरा नहीं होता. पैसे पास नहीं होता. जो यह ऑर्डिनेंस केंद्र सरकार लेकर आई है- अफसरों को पता है कि उनकी कोई भी जवाबदेही सरकार के प्रति नहीं है. 

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'आने वाले समय में केजरीवाल पीएम ना बन जाएं...'

आतिशी ने आगे कहा, अफसर अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं. यही कारण है. यह संविधान के खिलाफ है. लोकतंत्र के खिलाफ है. वहीं, आम आदमी पार्टी के मोती नगर से विधायक शिवचरण गोयल ने कहा, 'कमल का फूल मुरझा गया है. इसे सिर्फ झाड़ू ही साफ कर सकती है. दिल्ली में राम राज्य बिजली पानी की बेसिक सुविधा देने से आता है. ये इस बात से परेशान हैं कि आने वाले समय में अरविंद केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री न बन जाए.'

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'बीजेपी की मांग को किया खारिज'

इससे पहले दिल्ली विधानसभा सत्र को बुलाए जाने को लेकर उठ रहे सवालों पर विधानसभा की डिप्टी स्पीकर राखी बिड़ला ने सदन में जवाब दिया. दिल्ली उपराज्यपाल द्वारा जताई गई आपत्तियों का विधानसभा ने विरोध किया और कहा कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के पास सदन बुलाने की शक्ति होती है. विधानसभा डिप्टी स्पीकर ने बीजेपी की अल्पकालिक चर्चा की मांग को खारिज कर दिया.

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'सत्र बुलाना सीएम का विशेषाधिकार'

डिप्टी स्पीकर राखी बिड़ला ने कहा, एलजी ने 11 अगस्त को सीएम को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई थी.  विधानसभा में कार्यसंचालन नियमों से होता है. यह विधानसभा का विशेषाधिकार है कि कब सत्र बुलाना है. एलजी को पता होना चाहिए कि जब तक कैबिनेट सिफारिश नहीं करती, नया सत्र नहीं बुलाया जा सकता है. एनसीटी अधिनियम में बजट, मानसून और शीत सत्र जैसा कोई प्रावधान नहीं है. इस तरह से सत्र बुलाने की कोई अनिवार्यता नहीं है.

सत्र बुलाने पर सदन में डिप्टी स्पीकर ने दिया जवाब

दिल्ली सेवा कानून पर चर्चा के दौरान संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा के सत्र की कार्यवाही को लेकर सवाल उठाए थे. अब दिल्ली विधानसभा ने उपराज्यपाल की एक चिट्ठी का हवाला देते हुए पूरे मामले में जवाब दिया है. राखी बिड़ला ने कहा कि LG ने CM को भेजे पत्र में कहा है कि दिल्ली विधानसभा में सत्रावसान नहीं होता है और एक ही सत्र को आगे बढ़ाया जाता है जो कि गलत है. दिल्ली विधानसभा का सत्र नियमों के अनुसार ही बुलाया जा रहा है. अगर कैबिनेट के द्वारा सत्रावसान करने की अनुशंसा नहीं की जाती है तो ऐसे में स्पेशल सेशन बुलाने के लिए LG की अनुमति की जरूरत नहीं है. ये पूरे देश की विधानसभा सभा में होता है कि सत्रावसान के बिना ही स्पेशल सत्र बुलाया जाता है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

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'सत्र बुलाने की कोई अनिवार्यता नहीं'

डिप्टी स्पीकर ने कहा कि विधानसभा के साल में तीन सत्र (मानसून, शीतकालीन और बजट) बुलाना कोई आवश्यक नहीं है. ये सिर्फ एक औपनिवेशिक मानसिकता दर्शाता है. आगे डिप्टी स्पीकर ने कहा 'एनसीटी अधिनियम में बजट, मानसून और शीत सत्र जैसा कोई प्रावधान नहीं है. इस तरह से सत्र बुलाने की कोई अनिवार्यता नहीं है.' 

'कार्यसूची के विषय पर चर्चा होगी'

वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी ने कहा- 'एक विधानसभा बताइए, जहां प्रश्नकाल नहीं होता हो.' नेता विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों पर 12 नोटिस देने की बात कही और अल्पकालिक चर्चा की मांग की. डिप्टी स्पीकर ने नेता विपक्ष से पूछा कि क्या आपने आज का बुलेटिन पढ़ा है. डिप्टी स्पीकर ने कहा कि मैं इन नोटिस को स्वीकार नहीं कर पा रही हूं. कार्यसूची में जो विषय दिए गए हैं उन्हीं पर चर्चा होगी. विधानसभा डिप्टी स्पीकर ने भाजपा की अल्पकालिक चर्चा की मांग को खारिज कर दिया.

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दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में मणिपुर और हरियाणा हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. जम्मू के पूंछ हमले में शहीद जवानों को, दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में शहीद जवानों और बिन्देश्वरी पाठक को भी सदन में श्रद्धांजलि दी गई.

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