आम आदमी पार्टी के दिल्ली के तिमारपुर से बागी विधायक पंकज पुष्कर ने एक बार फिर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. दिल्ली विधानसभा का 2 दिनों का सत्र बुलाया गया, जिसको लेकर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए गए. पंकज पुष्कर ने कहा कि विधानसभा सत्र को नगर निगम चुनावों की तैयारी के लिए सिर्फ इस्तेमाल किया जाता है.
जहां प्रश्नकाल से ज्यादा विधानसभा को आरोप और प्रत्यारोप करने का अखाड़ा बना दिया जाता है. इस बार भी 17 जनवरी को प्रश्नकाल सिर्फ 20 मिनट का हुआ. जबकि नगर निगम को लेकर चर्चा 2 घंटे चली और दिल्ली की जनता को फुटबाल बना दिया. उन्होंने कहा कि 2 दिन के नोटिस पर सत्र बुलाया जाता है. विभागीय अधिकारियों को प्रश्न के उत्तर तैयार करने के लिए 3 दिन का समय मिलता है. सवालों के उत्तर आधे-अधूरे, अस्पष्टता और उलझाव भरे मिलते हैं. विधानसभा में झूठ बोला जाता है, सच छुपाया जाता है.
प्रश्नकाल जो विधायिका की सर्वोच्चता को स्थापित करने का औजार है, उसे खानापूर्ति में बदल दिया गया है. दो वर्ष में ऐसे 5 मौके भी नहीं आए होंगे जब दिल्ली विधानसभा में पर्याप्त अवधि का प्रश्नकाल रखा गया हो. उल्लेखनीय है कि प्रश्नकाल ही वह अवसर है जब मंत्रिमंडल को जनप्रतिनिधियों के सवालों का जवाब अनिवार्य रूप से देना पड़ता है. दिल्ली विधानसभा का अनुभव है कि दिल्ली सरकार अपने मंत्रिमंडल को ऐसे बचाकर चलती है जैसे कि वे दूधपीते बच्चे हों. यही वजह है कि प्रश्नकाल होते ही नहीं और अगर होते भी हैं तो आधे-अधूरे.