दिल्ली सरकार में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को फर्जी डिग्री मामले में बड़ा झटका लग सकता है. दिल्ली बार काउंसिल ने शुरुआती जांच में तोमर की डिग्री को फर्जी पाया है और इस बाबत आपराधिक मामला दर्ज करने की बात कही है.
दिल्ली बार काउंसिल ने दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी को लिखित शिकायत की है. काउंसिल का कहना है कि प्राथमिक तौर पर तोमर के दस्तावेज फर्जी लग रहे हैं. बार काउंसिल ने पुलिस से पूरे मामले में विस्तार के जांच की अपील की है और मांग की है कि जरूरत पड़ने पर आपराधिक केस भी दर्ज किया जाए.
पिछले हफ्ते बार काउंसिल ने 'आप' नेता तोमर को 27 मई तक अपनी डिग्री से जुड़े दस्तावेज जमा करने को कहा था. इस पर जितेंद्र तोमर ने कहा था कि उन्होंने असली दस्तावेजों के लिए निवेदन कर दिया है, लेकिन उसमें वक्त लग सकता है. दिल्ली बार काउंसिल के सेक्रेटरी पुनीत मित्तल ने अपनी शिकायत में दिल्ली पुलिस से 28 मई तक मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर खुद को बिहार के तिलकामांझी विश्वविद्यालय से खुद को लॉ ग्रेजुएट बताते हैं. जबकि विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि तोमर का प्रमाण पत्र असली नहीं है और यह विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में नहीं है. तिलका मांझी विश्वविद्यालय के मुताबिक, प्रमाण पत्र पर जो क्रम संख्या दर्ज है, वह तोमर नहीं बल्कि किसी और छात्र के नाम से है.
क्या कहना है मंत्री का
दूसरी ओर, मंत्री तोमर का कहना है कि उनकी डिग्री 100 फीसदी असली है. बीते दिनों आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'जल्द ही असलियत सबके सामने आ जाएगी. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया. मेरी डिग्री असली है. इसका फैसला अदालत करेगी.' तोमर ने कहा, 'मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं. अगर मैंने कुछ गलत किया होता तो नियमित तौर पर कार्यालय नहीं आता. बहुत जल्द मैं विश्वविद्यालय से सारे रिकॉर्ड सामने लाऊंगा और सबकुछ स्पष्ट कर दूंगा.' तोमर के पास पर्यटन, कला एवं संस्कृति और गृह मंत्रालय भी है.