शराब, शिक्षा और हवाला जैसे घोटाले के आरोप झेल रही आम आदमी पार्टी पर बीजेपी ने एक और बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली टैक्सियों और बसों में पैनिक बटन लगाने के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का नया आरोप लगाया है.
'पैनिक बटन काम नहीं कर रहे'
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को दिल्ली सड़कों पर चलने वाली टैक्सी में सफर करके दिखाया कि दिल्ली में सार्वजनिक वाहनों में लगे पैनिक बटन काम नहीं करते हैं. हमने सड़क पर एक गाड़ी में पैनिक बटन दबाया लेकिन कोई नहीं आया. कितना बड़ा घोटाला इन्होंने पूरे सिस्टम में किया है. वीरेंद्र सचदेवा ने बड़ा आरोप लगते हुए कहा प्रत्येक गाड़ी से 9 हजार रुपए पैनिक बटन के नाम पर लिए जा रहें हैं. अब वो फीस 17 हजार कर दी गई है. जबकि वो पैनिक बटन है ही नहीं , बल्कि वो सिर्फ सफेद हाथी है. वीरेंद्र सचदेवा ने इस पूरे मामले पर जांच की मांग की.
CM केजरीवाल पर आरोप
वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि जिन गाड़ियों में बटन काम नहीं कर रहा उनसे हर साल रिन्यूअल फीस भी ली जा रही है. हर साल रिन्यूअल फीस के नाम पर 4800 रुपए लिए जाते हैं ये पैसा कहां जा रहा है. ये मुख्य्मंत्री, उनके मंत्री की जेब में जा रहा हैं. वीरेंद्र सचदेवा ने दावा करते हुए कहा केजरीवाल को चुनौती देता हूं कि दिल्ली में कितनी पैनिक बटन दबाया है. उनसे कहां मदद पहुंची है. और इसका कंट्रोल रूम कहां है ये बताएं.
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ये कई सौ करोड़ का घोटाला है. जवाब दें कैलाश गहलोत. सड़क पर चलती हुई किसी भी गाड़ी के पैनिक बटन को चेक कर सकते हैं. किसी भी वर्ग को कैसा लूटा जा सके यही काम आप सरकार का है. शाम तक आप पार्टी उजागर करें कि कंट्रोल रूम को कितनी कॉल गईं हैं.
आजतक की टीम ने लिया पैनिक बटन का जायजा
आज तक की टीम ने एक टैक्सी में सफर कर पैनिक बटन का जायजा लिया. गाड़ी में पैनिक बटन तो लगे थे लेकिन बटन दबाने पर ना ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से कोई कॉल आई ना ही दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई जवाब मिला.
कब से लगाए जा रहे हैं पैनिक बटन
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार राजधानी की सड़कों पर चलने वाले सभी सार्वजनिक वाहनों पर चाहे वह टैक्सी हो या फिर बस सभी में 2019 से पैनिक बटन लगना अनिवार्य किया था. टैक्सी चालकों को आरटीओ से पैनिक बटन लगवाना होता है तभी वह गाड़ी दिल्ली की सड़कों पर चला सकता है. लेकिन बीजेपी का दावा है कि पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपए की फीस जो केजरीवाल सरकार वसूली रही है उस पैनिक बटन को लेकर कोई कंट्रोल रूम आज तक बनाया ही नहीं गया है और ना ही गाड़ियों में लगे पैनिक बटन काम करते हैं.
दिल्ली में कितने सार्वजनिक वाहन हैं
दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सरकारी डाटा पेश करते हुए कहा कि दिल्ली में एक लाख 12 हजार टैक्सी और 10 हजार बस हैं. केजरीवाल ने 2019 में इस पैनिक बटन की योजना शूरू की थी. आम आदमी पार्टी की सरकार हर गाड़ी पर पैनिक बटन लगने के लिए 9 हजार लेती थी, लेकिन अब उस राशि को बढ़ाकर 17 हजार कर दिया गया है.
बसों से 22 हजार रूपए वसूल रही हैं. मैं नेता प्रतिपक्ष के तौर पर केजरीवाल और उनके मंत्री कैलाश गहलोत को चुनौती देता हूं कि आए और डेमो दिखाएं कि क्या पैनिक बटन काम कर रहें हैं. 800 करोड़ रुपए इकट्ठा किया है केजरीवाल ने. केजरीवाल और उनके ट्रांसपोर्ट मंत्री को जवाब देना होगा.