दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के दो साल पूरे होने वाले हैं. ऐसे में राजनीतिक टकराव भी तेज़ हो गया है. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि केजरीवाल न सिर्फ नाकाम रहे हैं, बल्कि दो साल पूरे होते-होते उनकी संवेदनहीनता भी सामने आ गई है. तिवारी ने कहा कि आशा किरण होम में हुई मानसिक रूप से बीमार 11 बच्चों की मौत के लिए केजरीवाल ज़िम्मेदार हैं. ये मौत हत्या है और केजरीवाल हत्यारे हैं, क्योंकि सबकुछ पता होते हुए भी सरकार ने बच्चों को मरने दिया.
तिवारी ने कहा कि मीडिया ने मामले को उठाया. कोर्ट ने आशा किरण होम को लेकर चिंता जताई और न सिर्फ चिंता जताई बल्कि निगरानी के लिए समिति भी बनाई. लेकिन दिल्ली सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. न खुद कोई कदम उठाया और न ही किसी और को काम करने दिया. नतीजा ये हुआ कि आशा किरण होम में एक के बाद एक मौत होती रहीं और 11 का आंकड़ा होने के बाद भी बेशर्मी ऐसी कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूरे मामले को हलका करने की कोशिश की.
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली दो साल में बेहाल हो गई है. झुग्गी, झोंपड़ियों में लोग बदहाल जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने दावा किया कि उनके पास झुग्गियों में लोगों की बदहाली की जीवंत तस्वीरें हैं. जो केजरीवाल के दावों की पोल खोल रहीं हैं. ये तस्वीरें और वीडियो उन्होंने 31 दिसंबर से चल रहे झुग्गी प्रवास के दौरान इकठ्ठा की हैं. इससे केजरीवाल की सरकार के दावों और चुनाव से पहले किए गए वादों की पोल खुल रही है.
झूठे साबित हुए दिल्ली सरकर के वादे
बीजेपी ने दावा किया है कि एमसीडी चुनाव के बाद हाफ रेट पर बिजली देने का वादा करने वाले केजरीवाल बिजली कंपनियों का टैरिफ बढ़ाने वाले हैं. अभी तक बिजली कंपनियों को करीब चार हज़ार करोड़ रुपये की सब्सिडी का
पैसा दे चुके हैं, जो दिल्ली की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है, लेकिन बिजली कंपनियों पर लुटाया जा रहा है. जबकि केजरीवाल का दावा बिजली के रेट आधे करने का था. इसी तरह फ्री में पानी का दावा भी हवा हवाई साबित हो
रहा है क्योंकि लोगों को पानी नहीं मिल रहा है और पानी के लिए लोग तरस रहे हैं.
पोल खोलने का दावा
केंद्रीय मंत्री विजय गोयल भी पोल खोल अभियान की शुरुआत करने दिल्ली बीजेपी के मुख्यालय पहुंचे और केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि अब दिल्ली सरकार भी जनता को जानकारी देने में मुंह मोड़ रही है. अपनी
नाकामियां छुपाने के लिए जनता के सवालों से बच रही है. लेकिन बीजेपी इन नाकामियों को जनता के बीच लेकर जा रही है. ज़ाहिर है एक तरफ सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने की बात कर रही है, वहीं बीजेपी दाना-पानी लेकर
केजरीवाल सरकार के पीछे है. जिसमें वो पोल खोल का दावा कर रही है.