दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग की रिपोर्ट में सबसे बड़ी पार्टी को दिल्ली में सरकार बनाने का मौका देने की सिफारिश के मद्देनजर बीजेपी सरकार बनाने के मूड में नजर आ रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, ने आज बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी के दिल्ली प्रभारी प्रभात झा से इस बाबत विचार-विमर्श किया.
बीजेपी में यह हलचल ऐसे समय में तेज हुई है जब एक दिन पहले ही दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजकर सबसे बड़ी पार्टी से विचार-विमर्श कर सरकार गठन की संभावनाएं तलाशने की इजाजत मांगी थी.
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में अगर बीजेपी सरकार बनाने का फैसला करती है तो पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे नजर आ रहे हैं. पार्टी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेताओं में आमतौर पर यह सहमति है कि पूर्व वित्त मंत्री मुखी ही मुख्यमंत्री का पद संभालें. नॉर्थ ब्लॉक में पार्टी के दिल्ली मामलों के चुनाव प्रभारी गडकरी से मिलने के बाद राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस पर पार्टी फैसला करेगी.’ अपनी रिपोर्ट में जंग ने दिल्ली के राजनीतिक हालात का विस्तृत विश्लेषण दिया और शहर में एक चुनी हुई सरकार होने की जरूरत बताई.
गौरतलब है कि दिल्ली में 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार के इस्तीफे के बाद 17 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है.
उप-राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में यूं तो किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया पर बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया जा सकता है क्योंकि वह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है.
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 28 विधायक हैं. बीजेपी ने 31 सीटें जीती थीं पर पार्टी के तीन विधायक डॉ. हषर्वर्धन, रमेश बिधुड़ी और प्रवेश वर्मा लोकसभा के लिए चुने गए और उन्हें अपनी विधानसभा सीटें छोड़नी पड़ी थीं. आम आदमी पार्टी को विधानसभा के अपने पहले चुनावों में ही 28 सीटें हासिल हुई थीं और उसने कांग्रेस के आठ विधायकों के बाहरी समर्थन से दिल्ली में सरकार बना ली थी.
इस बीच, बीजेपी ने कहा कि विधायकों के बीच गोपनीय मतदान कराना दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को चुनने का एक विकल्प हो सकता है और राष्ट्रीय राजधानी में नई सरकार के गठन के लिए इस विकल्प पर विचार किया जा सकता है.
पार्टी का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून के एक प्रावधान के तहत उठाए जाने वाले इस कदम से दलबदल विरोधी कानून और राजनीतिक दलों के व्हिप का कोई असर नहीं होगा.
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली में अगली सरकार बनाने के लिए कई विकल्प हैं जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून की धारा 9 (2) को प्रभावी करना भी शामिल है. इस धारा के तहत दलबदल विरोधी कानून से प्रभावित हुए बगैर मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए विधायकों के बीच गोपनीय मतदान कराया जा सकता है.
उपाध्याय ने कहा, ‘इस प्रक्रिया में राजनीतिक दल अपने विधायकों के लिए व्हिप नहीं जारी कर सकेंगे.’ बीजेपी नेता ने कहा कि एक अन्य विकल्प सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए न्योता देना है क्योंकि पहले ऐसे उदाहरण रहे हैं जब अल्पमत सरकार रही है. बहरहाल, उपाध्याय ने कहा कि यदि दिल्ली में नए सिरे से चुनाव कराने पर फैसला हुआ तो पार्टी चुनाव के लिए भी तैयार है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, ‘यदि हमें दिल्ली में सरकार बनाने का न्योता मिला तो हम आलोचनात्मक विश्लेषण करेंगे और बारीकी से हर पहलु पर विचार करके ही कोई फैसला करेंगे. किसी पार्टी का कोई विधायक अभी चुनाव नहीं चाहता.’ प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त नहीं करेगी और न ही पार्टी को सरकार बनाने का कोई न्योता मिला है.
उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने उप-राज्यपाल की एक रिपोर्ट के मद्देनजर दिल्ली में राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए गृह मंत्री से मुलाकात की. उप-राज्यपाल ने रिपोर्ट में सबसे बड़ी पार्टी से संपर्क कर सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशने की इजाजत मांगी थी. हालांकि, उपाध्याय ने राजनाथ से हुई अपनी मुलाकात के बारे में इससे ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया.
प्रदेश अध्यक्ष ने उप-राज्यपाल पर हमला बोलने के लिए आम आदमी पार्टी की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि ‘आप’ के नेताओं द्वारा ‘संविधान का बलात्कार’ जैसे ‘अभद्र’ शब्द का इस्तेमाल उनकी ‘घटिया मानसिकता’ दिखाता है.