दिल्ली बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली की शिक्षा मॉडल पर बहस को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के चैलेंज को स्वीकार कर लिया है. विजय गोयल ने डिप्टी सीएम ने डिबेट की तारीख और समय पूछा है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच घमासान मचा हुआ है. रविवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी नेता विजय गोयल को दिल्ली की स्कूली शिक्षा पर बहस की चुनौती दी और कहा कि बीजेपी शासित राज्यों के एजुकेशन मॉडल और AAP शासित दिल्ली के एजुकेशन मॉडल पर बहस हो जानी चाहिए.
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा था कि बीजेपी के किसी भी राज्य के टॉप 10 सरकारी स्कूल चुन लें और मैं केजरीवाल एजुकेशन मॉडल के टॉप 10 सरकारी स्कूल चुन लेता हूं. मैं आपके स्कूलों का दौरा करूंगा और आप लोग हमारे यहां के स्कूलों में आएं. इसके बाद बहस करते हैं कि क्या उपहास का विषय है और क्या देखकर रोना आता है. सिसोदिया ने यह बयान बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान के जवाब में कहा था जिसमें उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी उपहास का विषय बन गई है.
सिसोदिया के इस ट्वीट के जवाब में विजय गोयल ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें चुनौती स्वीकार है. विजय गोयल ने सिसोदिया को मुस्तफाबाद स्कूल चलने को कहा और डिबेट की तारीख पूछी. विजय गोयल ने आरोप लगाया कि कि करदाताओं के करोड़ों रुपये शिक्षा सुधार के झूठे दावों के प्रचार करने में बर्बाद किये जा रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के 5 लाख बच्चे फेल हो गए हैं जिनमें से 4 लाख छात्रों को किसी सरकारी स्कूल में वापस दाखिला तक नहीं दिया गया. विजय गोयल ने कहा कि क्यों सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा का हर तीसरा छात्र फेल हो रहा है? नवीं कक्षा के भी 76,523 बच्चे परीक्षा में फेल हो गए.
मनीष सिसोदिया की चुनौती के जवाब में गोयल ने 6 सवाल पूछे.
1. केजरीवाल सरकार के अधीन आने वाली मुस्तफाबाद स्कूल में आप मेरे साथ कब चल रहे है? तारीख और समय बताएं.
2. आपने अपनी चुनौती सिर्फ 10 स्कूलों तक ही सीमित क्यों रखी है? इसलिए क्योंकि बाकि के हजार स्कूलों की हालत खस्ता है.
3. दिल्ली सरकार के 10 स्कूलों का चयन कौन करेगा, आप या मैं?
4. सिसोदिया जी, क्यों दिल्ली सरकार के स्कूलों से पास हुए छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिलता है? कितने बच्चों का दाखिला मिलता है यही बता दीजिए.
5. अगर आपके शिक्षा सुधार के दावे सही हैं तो हर साल लाखों सरकारी स्कूलों के बच्चे परीक्षा में क्यों फेल हो रहे हैं?
6. दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के पद को समाप्त क्यों नहीं कर देती? 1028 सरकारी स्कूलों में से 800 स्कूलों में वैसे भी कोई प्रिंसिपल नहीं हैं, इसलिए दिल्ली सरकार की स्कूलों का रिजल्ट खराब आ रहा है.
बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि एक बार जब सिसोदिया मुस्तफाबाद स्कूल का दौरा कर लेंगे तब वह दूसरे 10 सरकारी स्कूलों के नाम भी बता देंगे जहां छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं है.