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क्या सेलिब्रिटी अध्यक्ष मनोज तिवारी दिल्ली में ही बेबस है ?

दिल्ली में एमसीडी चुनाव नजदीक है तो वही दूसरी तरफ बीजेपी के अंदर खेमेबाजी भी खुल कर सामने आ रही है, बीजेपी के अंदर इसको लेकर खुसुर-फुसर भी शुरू हो चुकी है. दरसअल दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी हैं, लेकिन इस बार ऐसा हो रहा है जोकि आजतक बीजेपी में नहीं हुआ.

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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी

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दिल्ली में एमसीडी चुनाव नजदीक है तो वही दूसरी तरफ बीजेपी के अंदर खेमेबाजी भी खुल कर सामने आ रही है, बीजेपी के अंदर इसको लेकर खुसुर-फुसर भी शुरू हो चुकी है. दरसअल दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी हैं, लेकिन इस बार ऐसा हो रहा है जोकि आजतक बीजेपी में नहीं हुआ.

सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि दिल्ली बीजेपी के प्रभारी श्याम जाजू एमसीडी चुनाव के मद्देनजर टिकट लेने वालों से खुद ही मिलने लगे हैं और वो भी पार्टी ऑफिस में, जबकि बिना अध्यक्ष के प्रभारी पार्टी ऑफिस में नहीं मिल सकते है.

ऐसा पहली बार हो रहा है कि दिल्ली बीजेपी प्रभारी श्याम जाजू पार्टी ऑफिस में ही बैठने लगे है और वह हर रोज़ 2 से 6 के बीच टिकट लेने वालों से मिल रहे है, जबकि सूत्रों के मुताबिक बिना अध्यक्ष के प्रभारी ऐसा नहीं कर सकते. वहीं एमसीडी चुनाव के मद्देनजर कोर टीम भी बना दी गई है जिसमे अध्यक्ष मनोज तिवारी के अलावा प्रभारी श्याम जाजू और महासचिव रविंद्र गुप्ता, राजेश भाटिया और कुलजीत चहल शामिल हैं. लेकिन इनमें से किसी को मनोज तिवारी खेमे का नहीं माना जाता है.

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इस पर आजतक से बात करते हुए श्याम जाजू ने इसका खंडन किया और कहा कि पार्टी में फैसला सर्वसम्मति से लिया जाएगा, जबकि बीजेपी में पहले अध्यक्ष ही फैसला लेता है और महासचिव इसको लागू करते हैं. इस बार मामला काफी अलग है, जिसको लेकर सुगबुगाहट है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली से बाहर है और सूत्रों के मुताबिक उनको इसकी सूचना भी दे दी गई है. अब इंतज़ार है मनोज तिवारी के दिल्ली आने का.

हालांकि ऐसा नहीं कि ये कोई पहली बार है कि प्रभारी और अध्यक्ष के बीच खींचतान दिखाई दे रही हो. इससे पहले भी दिल्ली बीजेपी के टीम चुनने में भी अध्यक्ष को बाहर रखा गया था और तब मनोज तिवारी ने इसपर काफी नाराज़गी भी जताई थी. जिसके बाद उनके लोगों को भी जगह दी गई, लेकिन एक बार फिर एमसीडी चुनाव के मद्देनजर प्रभारी और अध्यक्ष के बीच खींचतान दिखाई देने लगी है.

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