मोहाली की रैली में मनीष सिसोदिया के केजरीवाल को पंजाब का सीएम समझकर वोट करने वाले बयान के बाद केजरीवाल की सफाई भी सामने आ गई है. केजरीवाल ने ऐलान किया कि वो पंजाब के सीएम नहीं बनेंगे और न ही दिल्ली छोड़ेंगे, लेकिन इस पूरे मामले पर सियासत अभी भी नहीं थम रही है. दिल्ली बीजेपी ने कहा है कि डिप्टी सीएम के बयान ने केजरीवाल की रणनीति को सामने ला दिया है, अब भले ही केजरीवाल यू टर्न ले रहे हैं, लेकिन तर्जुबा कहता है कि केजरीवाल की बातें भरोसे के लायक नहीं है.
बीजेपी सिसोदिया के बयान पर तो यकीन कर रही है लेकिन केजरीवाल के ऐलान को मानने के लिए तैयार नहीं है. बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री और दिल्ली के पूर्व विधायक आर.पी. सिंह ने इसकी वजह भी गिनाईं. आर.पी. सिंह के मुताबिक केजरीवाल कहकर मुकरने के मामले में रिकॉर्ड बना चुके हैं, ऐसे में सिसोदिया के बयान पर उनकी सफाई भरोसे करने लायक नहीं लगती.
आर. पी. सिंह ने इसके लिए ये कारण भी गिनाए:-
1. केजरीवाल अगर पंजाब का सीएम बनने की हसरत नहीं पाल रहे हैं, तो पंजाब में अपने सीएम उम्मीदवार का नाम क्यों नहीं बता रहे हैं.
2. अगर केजरीवाल पंजाब में कुर्सी पर बैठने की चाहत नहीं पाले हुए हैं, तो दिल्ली में डिप्टी सीएम को सीएम की तरह क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं.
3. केजरीवाल तो अपने बच्चों की कसम खाकर भी कांग्रेस से समझौता कर दिल्ली में 49 दिन की सरकार बना चुके हैं.
4. केजरीवाल ने 49 दिन की सरकार से इस्तीफा देने के बाद वादा किया था कि दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे, लेकिन वाराणसी चुनाव लड़ने पहुंच गए थे.
5. वाराणसी से भी वादा किया था कि चुनाव हारने के बाद वहां के लोगों की सेवा करेंगे, लेकिन फिर दिल्ली आ गए और अब पंजाब भागने की तैयारी में है.
ज़ाहिर है बीजेपी और तमाम विरोधी पार्टियों ने सिसोदिया के बयान के बाद केजरीवाल पर चौरतरफा हमला बोल दिया था और इसी बवाल के बाद केजरीवाल ने इकरार और इनकार का ये नया दांव खेला है.