आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले दिल्ली के विकास को लेकर कई वायदे किए थे. लेकिन दिल्ली में कई इलाके ऐसे है जहां सड़कें विकास के लिए सालों से इंतजार कर रही हैं. वहीं नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने दिल्ली की टूटी सड़कों के जख्मों पर नमक छिड़का है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में पीडब्ल्यूडी की सड़कों के मेंटनेंस और रख-रखाव के लिए 100 करोड़ रुपए दिए गए, जिसका एक बड़ा हिस्सा भी खर्च नहीं हो पाया. सड़कों के निर्माण के लिए अलॉट किए गए 100 करोड़ रुपए में से केवल 29 करोड़ ही खर्च हुए हैं.
बता दें कि संगम विहार के रतिया मार्ग में सड़क की जर्जर हालत के चलते जीवन नारकीय हो गया है. राजधानी में रहते हुए भी ये इलाका सभी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है. लोग नाली के गंदे पानी में अपने रोजमर्रा के काम करने को मजबूर हैं.
आए दिन होती हैं सड़क दुर्घटनाएं
सड़कों में गड्ढों के चलते आए दिन यहां बच्चे और महिलाए सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. पिछले 8 महीने से नाली का गंदा पानी सड़क पर आ ठहरा है. इसकी बदबू ने हाल बेहाल किया हुआ है. स्कूल की बसों को सबसे ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं. स्कूल जाते बच्चों को नाली के गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं बाइक चालकों का तो बुरा हाल है. सड़कों की दयनीय हालत के चलते यहां बनी दुकानों का रोजगार भी पूरी तरह ठप पड़ा है.
टूटी सड़कों की कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं
एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच चल रही तनातनी के चलते रतिया मार्ग के हालात ठीक नहीं है. जब लोग शिकायत लेकर एमसीडी के पास जाते हैं तो उनको दिल्ली सरकार के पास भेज दिया जाता है और दिल्ली सरकार ये बोल कर पल्ला झाड़ लेती है कि ये एमसीडी का कार्य क्षेत्र है. कुल मिलाकर जनता फुटबाल की तरह इनके बीच इधर- उधर धकेल दी जाती है. ऐसे में सवाल सबसे बड़ा ये है कि दिल्ली सरकार कार्यक्षेत्र की राजनीति से ऊपर उठ कर अगर इन सड़कों के निर्माण में कुछ पैसे लगा देती तो क्या इनके हालात बेहतर नहीं हो जाते?
सड़कों का बुरा हाल
बदरपुर महरौली रोड भी बदहाल है और निर्माण के महीनों से इंतजार कर रही है. नाली का गंदा पानी पूरी सड़क पर भर गया है. सड़क किनारे बड़े- बड़े गड्ढे हो गए हैं, जो कि दुर्घटना को दावत दे रहे हैं. सड़कों की बदहाल अवस्था दिल्ली के आम आदमी के लिए बनी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी सरकार की विफलताओं का रिपोर्ट कार्ड देती है. साथ ही दूसरों से अलग होने के उनके दावों पर सवाल भी उठा रही है.