scorecardresearch
 

दिल्ली ने GST का विरोध किया, उसी से 6 हजार करोड़ का हुआ मुनाफा: विजेंद्र गुप्ता

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि जुलाई 2017 से पहले दिल्ली सरकार का रेवेन्यू 21 हजार करोड़ के आसपास अटका हुआ था, लेकिन 1 जुलाई 2017 के बाद जीएसटी की वजह से उसकी आय 26 हजार करोड़ के आसपास पहुंच गई है.

Advertisement
X
बीजेपी विधायक और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता (फाइल फोटो)
बीजेपी विधायक और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता (फाइल फोटो)

Advertisement

दिल्ली विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार को न सिर्फ जमकर घेरा बल्कि उनके कई वादों पर सवाल भी किए.

राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च को साल 2018-19 के लिए बजट वेश किया था जिस पर सदन में चर्चा करते हुए बीजेपी विधायकों ने दिल्ली सरकार के वादों पर सवाल खड़े किए.

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि जुलाई 2017 से पहले दिल्ली सरकार का रेवेन्यू 21 हजार करोड़ के आसपास अटका हुआ था, लेकिन 1 जुलाई 2017 के बाद जीएसटी की वजह से उसकी आय 26 हजार करोड़ के आसपास पहुंच गई है.

बजट पर चर्चा के दौरान विजेंद्र गुप्ता ने कहा, 'बजट पर चर्चा के लिए विधायकों को पर्याप्त समय नहीं दिया गया, लेकिन कम वक्त में जो भी कहूंगा सच कहूंगा, सच के सिवा कुछ नही कहूंगा. एक समय दिल्ली सरकार आर्थिक रूप से जूझ रही थी. आम आदमी पार्टी जीएसटी को लेकर सड़क पर विरोध करते रही, लेकिन जीएसटी से सरकार को हुए फायदे को बताना उपमुख्यमंत्री भूल गए.'

Advertisement

सदन में जवाब देते हुए मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'केंद्र सरकार के अड़ंगों के बावजूद दिल्ली सरकार 90% बजट खर्च करने में कामयाब रही है.' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'विजेंद्र गुप्ता को किसी ने नहीं बताया कि 600 से ज्यादा कलस्टर बसें आ चुकी हैं और दिल्ली की सड़कों पर चल रही हैं. साथ ही 10 नए डिपो भी बनाए गए हैं.'

बीजेपी विधायक गुप्ता ने मंत्री सत्येंद्र जैन पर भी निशाना साधाते हुए कहा कि एमसीडी को लेकर सत्येंद्र जैन बार-बार तंज कसते हैं, लेकिन केंद्र सरकार कुल 16 हजार करोड़ दिल्ली सरकार को देती है जबकि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र की तरफ से साढ़े 7 हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिल्ली सरकार को दिए गए.

विजेंद्र गुप्ता के सवाल

उपमुख्यमंत्री  बताएं कि राजस्व खर्च बढ़ने के बाद दिल्ली वालों को कैसे फायदा होगा?

ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार ने क्या किया?

3 साल में अस्पताल में एक नया बेड जोड़ने में दिल्ली सरकार कामयाब नहीं हुई, जबकि दिल्ली नगर निगम के 5300 बेड अस्पताल में बढ़ाएं हैं.

सेंटर ऑफ साइंस की रिसर्च में डीटीसी को गैर भरोसेमंद बताया गया है. 3 साल में एक भी नई बस दिल्ली सरकार ने नहीं खरीदी है.

Advertisement

दिल्ली सरकार द्वारा पुराने कमरे तोड़कर नए कमरे बनाए जा रहे हैं.

यमुना नदी का हाल बुरा है, नदी के सौंदर्यीकरण का क्या हुआ?

सस्ती बिजली के लिए बिजली कंपनी में प्रतिस्पर्धा का क्या हुआ?

Advertisement
Advertisement