दिल्ली के बुराड़ी में एक बहुमंजिला इमारत ढहने के 30 घंटे से अधिक समय बाद अधिकारियों ने बुधवार देर रात चले रेस्क्यू ऑपरेशन में एक परिवार के चार सदस्यों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया. मलबे से राजेश (30), उनकी पत्नी गंगोत्री (26) और बेटे प्रिंस (6) और रितिक (3) को निकाला गया है. परिवार के चारों सदस्यों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
'टमाटर खिलाकर बच्चों की भूख मिटाई'
रेस्क्यू किए गए इस परिवार में पिता राजेश ने एजेंसी से बात करते हुए बताया - मैंने किसी के बुरा किया होता तो शायद जिंदा न बचता. उन्होंने बताया कि घर पर खाना बनाने की तैयारी हो रही थी तभी अचानक इमारत भरभराकर गिर गई.हम मलबे में दबे थे लेकिन जिंदा थे.बाहर निकाले जाने तक मैंने टमाटर खिलाकर किसी तरह अपने बच्चों को जिंदा रखा था. कोई भी पिता यही करता.
'एक बचावकर्मियों ने मेरी आवाज न सुनी'
उन्होंने बताया- मैंने एक बिजली की वायरिंग का पाइप उठाई और बाहर की ओर मदद के लिए चीखा तब जाकर हमें बचाया जा सका. उन्होंने बताया कि- जेसीबी से उधर मलबा गिराया जाना था. अगर बचावकर्मियों में से किसी ने मेरी आवाज न सुनी होती तो हम सब मर जाते. उन्होंने कहा- रुको यहां एक परिवार दबा है तब जाकर हमें निकाला जा सका. मैं बहुत मुश्किल से अपने परिवार को बचाए रखा था.
बता दें कि बीते सोमवार को राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके के कौशिक एनक्लेव ऑस्कर स्कूल के पास 5 मंजिला अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग अचानक भरभराकर गिर गई. घटना में एक 8 साल की बच्ची सहित 2 लोगों की मौत हो गई. 12 लोग घायल हो गए.
जानकारी के मुताबिक इमारत पिछले एक साल से बन रही थी. बिल्डिंग में अभी फिनिशिंग का काम चल रहा था. मजदूर यहां काम कर रहे हैं और आसपास भी काम करते हैं, वह इसी इमारत के नजदीक एक खाली एरिया में किराए के कमरे में रह रहे थे. जब इमारत भर भराकर जमींदोज हो गई तो पूरा मलबा उन्हीं कमरों के ऊपर गिर पड़ा.
घटना की जानकारी मिलने पर देर रात आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और स्थानीय विधायक के साथ-साथ सांसद भी घटनास्थल पर पहुंचे और मौके का जायजा लिया. दोनों का ही कहना है की घटना बेहद दुखद है. मामले में कौन दोषी है, किसकी लापरवाही है यह जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.