500 और 1000 के नोटों के बंद किए जाने के फैसले के चलते व्यापार और आम आदमी पर भी असर पड़ रहा है. दिल्ली के देवली इलाके में वीरेंद्र नाम के एक व्यापारी ने व्यापार में भारी नुकसान होने की वजह से घर में पंखे से लटक आत्महत्या कर ली. घर के लोगों के मुताबिक बिजनेस न होने और घर में रखा हुआ कैश नहीं बदलने की वजह से वीरेंद्र सदमे में आ गए.
वीरेंद्र ने ब्याज पर दूसरों को जो पैसे दिए हुए थे, उसे भी उन्हें लोगों ने पुराने नोटों में ही चुकाया. इस मामले नेब सराय थाने की पुलिस आरोपों की जांच कर रही है. 25 साल के वीरेंद्र कुमार बसोया का ईस्ट ऑफ कैलाश में एलईडी का शोरूम है. साथ ही ब्याज पर पैसे देने का भी कारोबार था लेकिन नोटबंदी के फैसले के बाद जहां दुकान पर काम बिल्कुल ठप्प हो गया, वहीं उधार दिए गए पैसे की बदली ना होने के चलते परेशान वीरेंद्र ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली.
देवली स्थित राजू पार्क में रहने वाले वीरेंद्र कुमार बसोया ने एक साल पहले ही लव मैरिज की थी, जिसके बाद वो अपने परिवार के साथ काफी खुश थे. लेकिन अचानक आए नोट बंदी के फैसले के बाद वीरेंद्र पर परेशानियों का पहाड़ सा टूट गया. उनकी पत्नी रौनक के मुताबिक, नोट बंदी के बाद से एक तरफ जहां शोरूम पर बिक्री बंद हो गई वहीं ब्याज पर दिए गए उधार को भी लोगों ने पुरानी करंसी में ही चुकाया. कैश चेंज नहीं हो पा रहा था, जिससे विरेंद्र काफी परेशान थे.